CM Yogi Adtiyanath Exclusive: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल के मुद्दे पर अपनी बात रखी है. एबीपी न्यूज़ के विशेष कार्यक्रम सनातन संवाद में सीएम योगी ने कहा है कि संभल का सच सामने आना चाहिए लेकिन कुछ लोग ऐसा नहीं चाहते. पत्रकार रोहित सिंह सावल के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराणों में भी संभल के बारे में इस बात का उल्लेख है कि श्री हरि विष्णु का दसवां अवतार इसी संभल में अवतरित होगी.


मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराणों की रचना आज 3500 से 5000 वर्ष के व्यापक कालखंड में रची गई थी. भगवान वेदव्यास ने जो नींव रखी थी, वहीं से शुरुआत हुई और आज से 3500 वर्ष पहले तक यह रची जाती रही. ये जो इतिहास है भारत का वह पुराणों के माध्यम से है. उसमें भी इस बात का उल्लेख है. चलिए जिनका विश्वास पुराणों में नहीं है, मैं उनसे एक बात पूछना चाहता हूं कि आइन-ए-अकबरी ये हमने नहीं लिखा, बीजेपी या आरएसएस ने नहीं लिखा. यह तो अकबर के समय का ग्रंथ है. उसमें इस बात का उल्लेख है कि मीर बाकी ने 1526 में मंदिर तोड़कर संभल में मस्जिदनुमा ढांचा खड़ा किया जिसे आज जामा मस्जिद कहा जा रहा है.


यह उनकी रुचि का विषय भी नहीं- सीएम योगी
सीएम ने कहा कि ये मानसिकता क्या है? साल 1526  में संभल में, साल 1528 में अयोध्या में जन्मभूमि पर मंदिर तोड़ा गया. अपवित्र किया गया. यह वही श्रृंखला है जो मंदिरों को विध्वंस करती थी और अराजकता फैलाती थी. तो स्वाभाविक रूप से हम इस मानसिकता को समझ सकते हैं. पहचान सकते हैं और वही नहीं चाहते कि संभल का सच लोगों के सामने आए. उनको राम जन्मभूमि में रामलला के विराजमान होने का गौरव अच्छा नहीं लग रहा है.


सीएम ने कहा कि ऐसे लोगों को महाकुंभ का महापर्व अच्छा नहीं लग रहा है. भारत के विरासत और विकास का समन्वय कुछ लोगों को अच्छा नहीं लग रहा है. यह उनकी रुचि का विषय भी नहीं है.


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