लखनऊ. बीते सप्ताह लखनऊ के गाजीपुर थाने में गायत्री प्रसाद प्रजापति पर एक और एफआईआर दर्ज हुई. यह एफआईआर जान से मारने की धमकी समेत तमाम गंभीर धाराओं में उस महिला के वकील की तरफ से दर्ज कराई गई जिसने गायत्री पर बलात्कार का मुकदमा लिखाया था. लेकिन वकील की इस एफआईआर में गायत्री के साथ-साथ रेप का मुकदमा लिखाने वाली वह महिला और उसकी बेटी भी नामजद की गई है. सवाल उठने लगा कि आखिर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक गायत्री पर बलात्कार का मुकदमा लिखाने वाली महिला किस दबाव में पलट गई. गायत्री ने धमकाया समझाया या फिर खरीद लिया. एबीपी गंगा ने जब बयान पलटने की वजह तलाशी तो वह खुलासा हुआ जो चौंकाने वाला था. एबीपी गंगा के पास लखनऊ की उन बेशकीमती करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज हाथ लगे जो गायत्री के करीबियों ने रेप पीड़िता के नाम दर्ज कराए थे.


करोड़ों की कीमत के तीन मकान और एक प्लाट के साथ सविता पाठक और उसकी बेटी के खाते में सात करोड़ जमा हुए. सविता पाठक द्वारा गायत्री पर दर्ज कराई एफआईआर के मामले में कोर्ट में बयान देने की हर तारीख से पहले करोड़ों की संपत्ति लिखवाई.


इस दावे के पीछे का सबूत


पहली संपत्ति 19 जुलाई 2018 को मोहनलालगंज के पुरसैनी गांव में 2000 स्क्वायर फीट का प्लाट 10 लाख रु में लिखा गया. रजिस्ट्री करने वाला अंग्रेज सिंह गायत्री प्रजापति के शहीद पथ रिश्ते जमीनों का काम देखने वाला कारिंदा था.


दूसरी संपत्ति, 1 अगस्त 2018 को मोहनलालगंज के पुरसैनी गांव में 1014 स्क्वायर फीट में बना करोड़ों की कीमत का दो मंजिला मकान 40 लाख रु में फिर लिखा गया. मकान बेचा प्रशांत सिंह सेंगर ने, खरीदा सविता पाठक ने. रजिस्ट्री करने वाला प्रशांत सिंह सिंगर रेप के आरोप में जेल गए गायत्री प्रजापति के साथ पिंटू सेंगर का करीबी रिश्तेदार बताया जाता है.


तीसरी प्रॉपर्टी चार अगस्त 2018 को गोमती नगर विस्तार में 3000 स्क्वायर फीट का एक और मकान सविता पाठक के नाम रजिस्टर्ड हुआ. यह रजिस्ट्री किसी और ने नहीं बल्कि गायत्री प्रसाद प्रजापति की तमाम बेनामी कंपनी में डायरेक्टर और गायत्री प्रजापति के मैनेजर ब्रज भुवन चौबे ने की थी.


यह भी इत्तेफाक कहे या गायत्री का मैनेजमेंट कि जब भी कोर्ट में रेप पीड़िता के बयान दर्ज कराने की तारीख आती. उसे दो दिन पहले एक कीमती प्रॉपर्टी रेप पीड़िता के नाम रजिस्टर हो जाती.


रेप के मामले में रेप पीड़िता के बाद उसकी बेटी के बयान दर्ज होने की बारी आई तो चौथी प्रॉपर्टी भी बयान से पहले लिखा ली गई.


यह चौथी प्रॉपर्टी गायत्री के गनर मुकेश कुमार की तरफ से आशियाना के सेक्टर के में लिखवाई गई. आशियाना सेक्टर के में 1935 sq ft पर बने K1/1481 का आलीशान मकान पीड़िता के नाम दर्ज कराया गया. आशियाना वाले मकान किस तरह हिस्ट्री में गवाही में जिस युवक अभिषेक कुमार तिवारी को रखा है वह उसी अशोक तिवारी का बेटा है जो गायत्री के साथ रेप के मामले में जेल की हवा खा रहा है.


चार संपत्ति के अलावा महिला के चित्रकूट स्थित एसबीआई और इलाहाबाद बैंक के तीन खातों में करोड़ों की रकम जमा कराई गई. उसके भाई और पिता के बैंक खातों में बेनामी खातों से पांच करोड़ की रकम जमा हुई.


परिवार के दूसरे करीबियों के खाते में किये गये पैसे ट्रांसफर


परिवार के दूसरे करीबी सुधीर पांडे और उसकी पत्नी के बैंक खातों में बेनामी खातों से एक करोड़ की रकम ट्रांसफर हुई. कुल सात करोड़ की रकम महिला और उसके परिजनों के बैंक खाते में ट्रांसफर की गई.
संपत्ति और कैश के अलावा कीमती लग्जरी कार और राजधानी के कई ज्वैलरी शोरूम से जेवरात भी खरीदे जाते रहे. चर्चा तो यहां तक है कि खरीदी गई संपत्ति में भी सविता पाठक ने जो चेक दिए उसको ना तो विक्रेता ने अपने बैंक खाते में लगाया और ना ही सविता पाठक के बैंक खाते से मकान खरीदने की रकम काटी गई.


वकील को धमकाया गया


गाजीपुर थाने में पीड़िता के वकील दिनेश त्रिपाठी के द्वारा गायत्री और पीड़िता व उसकी बेटी पर दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोप लगाया गया कि पीड़िता ने गायत्री पर रेप का मुकदमा लिखाने के बाद कोर्ट में पैरवी करना बंद कर दिया था. पीड़िता के मोबाइल से गायत्री ने जेल में रहकर वकील को धमकाया तक कि कोर्ट में पैरवी करना बंद कर दो. वकील ने दर्ज कराई fir में आरोप लगाया कि रेप का आरोप लगाने वाली महिला पलट गई है, पक्ष द्रोही हो गई है, गायत्री ने उसको खरीद लिया है और अब दोनों मिलकर उसकी जान लेना चाहते हैं.


बस यही सवाल खड़े होने लगे कि क्या करोड़ों की संपत्ति और कैश जमा कराने के बाद महिला ने बदल दिए थे कोर्ट में अपने बयान? और बताने लगी थी गायत्री को पिता समान.


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