Bagpat News: बागपत में ऊर्जा निगम विद्युत वितरण खंड द्वितीय बड़ौत के अधिशासी अभियंता आजकल दहशत में काम कर रहे हैं. खतरा किसी और से नहीं बल्कि अपने ही जूनियर सहायक लेखाकार से है, जो न केवल उनके साथ गाली-गलौज कर अभद्र व्यवहार करता है, बल्कि उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहा है और सड़क पर उनकी कार का पीछा करता है. ऐस नहीं है कि, यह आरोप झूठे हो बल्कि एक दिन तो सहायक लेखाकार अधिशासी अभियंता के कक्ष में घुसकर हंगामा और धमकी देता सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुआ है. अधिशासी अभियंता का कहना है कि, ऊर्जा निगम के अधिकारी उनकी समस्या नहीं सुन रहे हैं, जिसके बाद अब उन्होंने कोतवाली में तहरीर देकर कार्रवाई और सुरक्षा की गुहार लगाई है.
दहशत में अधिशासी अभियंता
अधिशासी अभियंता राजेश कुमार, अपने ही कार्यालय में तैनात सहायक लेखाकार अमित राठी से दहशत में हैं. दरअसल, कई साल से ऊर्जा निगम विद्युत वितरण खंड द्वितीय के कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ था. बकौल, इनके ऊर्जा निगम के एमडी ने इन्हें इसलिए यहां भेजा था ताकि व्यवस्था में सुधार हो सके. 12 जुलाई-2021 को राजेश कुमार की इस कार्यालय में तैनाती हुई थी. एमडी कार्यालय मेरठ से 10 अगस्त-2021 को अमित राठी की अतिरिक्त सहायक लेखाकार के रूप में इस कार्यालय की तैनाती कर दी गई.
राजेश कुमार ने लेखाकार की शिकायत की थी
राजेश कुमार का आरोप है कि सहायक लेखाकार अक्सर कार्यालय से गायब रहते हैं और मनमर्जी के अनुसार दंबगई से काम करते हैं. वह बागपत जनपद के ही सूजती गांव के रहने वाले हैं और अतिरिक्त सहायक लेखाकार पद पर उनकी तैनाती नियम विरुद्ध है, चूंकि वह अपने ही गृह जनपद में तैनात नहीं रह सकते हैं. वह काम करने को कहते हैं तो कर्मचारियों के सामने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है. उन पर जनप्रतिनिधियों से दबाव डलवाते हैं. पूरे मामले की शिकायत ऊर्जा निगम के बागपत एसई और एमडी से की तो सहायक लेखाकार और भी ज्यादा बौखला गए.
गायब मिले सहायक लेखाकार
21 अक्टूबर को मुख्य अभियंता, मेरठ ने उनके कार्यालय का निरीक्षण किया तो सहायक लेखाकार अचानक कार्यालय से गायब हो गए. मुख्य अभियंता के जाने के बाद सहायक लेखाकार शाम सवा पांच बजे कार्यालय में आए और उनके कक्ष में घुसकर हंगामा कर उन्हें जान से मारने की धमकी देने लगे. उनकी पास तीन लोग बैठे हुए थे. हंगामा सुनकर कर्मचारी कक्ष में आ गए, इन लोगों ने सहायक लेखाकार को कक्ष से बाहर निकाला. उसके बाद सहायक लेखाकार ने देर शाम कार्यालय से निकलते ही उनकी कार का पीछा भी किया. इस प्रकरण की शिकायत नौ सितंबर, 15 सितंबर, 16 सितंबर, 18 अक्टूबर, 20 अक्टूबर, 22 अक्टूबर और 27 अक्टूबर को आला अफसरों से की गई और इनका स्थानांतरण करने की भी मांग की, लेकिन कार्यवाही नहीं हो रही है, जिसके बाद अब कोतवाली बड़ौत में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने और सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की है. उधर, सहायक लेखाकार अमित राठी का कहना है कि वह विभाग से अनुमति लेने के बाद ही अपना पक्ष रखेंगे.
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