(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Gorakhpur: युवा और लघु उद्यमियों को प्रोत्साहन, ODOP के तहत लगी रेडीमेड गारमेंट्स की पांच दिवसीय प्रदर्शनी
गोरखपुर को रेडीमेड गारमेंट्स का हब बनाने के लिये हर तरह की कोशिश की जानी चाहिये. मंडलायुक्त ने कहा कि, यहां तमाम संभावनाएं हैं.
गोरखपुर: एक जनपद एक उत्पाद के तहत रेडीमेड गारमेंट की पांच दिवसीय प्रदर्शनी का शुभारम्भ हुआ. लघु और युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन के साथ पहचान दिलाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार की पहल पर पांच दिवसीय प्रदर्शनी के पहले दिन ही लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है. ओडीओपी के तहत रेडीमेड गारमेंट के लघु और युवा उद्यामियों को प्रोत्साहन के लिए लगी प्रदर्शनी का उदेश्य ऐसे उद्यमियों को बढ़ावा देना है. सरकार के द्वारा ओडीओपी के तहत सस्ते दर पर ऋण के साथ सब्सिडी भी दी जाती है.
सीएम योगी आ सकते हैं
गोरखपुर के टाउनहाल स्थित कचहरी क्लब मैदान में जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्मिता विकास केन्द्र की ओर से आयोजित पांच दिवसीय इस प्रदर्शनी का गोरखपुर के मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर ने शुभारम्भ किया. इस अवसर पर उनके साथ जिलाधिकारी के. विजयेन्द्र पाण्डियन, सीडीओ इंद्रजीत सिंह समेत अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे. आलाधिकारियों ने रेडीमेड गारमेंट की प्रदर्शनी और बिक्री का अवलोकन भी किया. इस पांच दिवसीय प्रदर्शनी के अवलोकन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी आने की संभावना है.
इस अवसर पर गोरखपुर के मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर ने कहा कि जिला प्रशासन, चेंबर आफ इंडस्ट्रीज, उद्योग विभाग, गीडा और एमएसएमई का एक ही उद्देश्य है कि गोरखपुर को रेडीमेड गारमेंट के हब के रूप में विकसित किया जाना है. आप सभी को पता है कि यहां पर पूरा टैलेंट उपलब्ध है. टैलेंट के साथ-साथ कच्चे माल की उपलब्धता, बैंक से साफ्ट लोन जल्दी मिलने की व्यवस्था, एक फैक्ट्री और भूमि का उपलब्ध होना जहां वो फैक्ट्री लगा सकें. इसके साथ ही ऐसी जगह जहां रेडीमेड गारमेंट का पार्क बनाया जा सके.
रेडीमेड गारमेंट का हब
जयंत नार्लिकर ने कहा कि, मार्केटिंग की उपलब्धता कराना और इसके साथ ही डाइवर्सिफिकेशन या डिमांड के अनुरूप ये लोग कपड़े बना सकें. उसकी पैकेजिंग के लिए ट्रेनिंग दिलाने की व्यवस्था करना हमारा लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि ये पांच-छह चीजें जब एक साथ आएंगी, तो ही गोरखपुर के रेडीमेड गारमेंट का हब बनाया जा सकता है. उद्योग लगाने वाले लोगों के साथ समस्या ये आती है कि इनमें से उन्हें दो चीजें मिल गईं और चार के लिए उन्हें दौड़ना पड़ता है. हमारा प्रयास है कि ये पांच चीजें उन्हें समय से उपलब्ध हो जाए और वो रेडीमेड गारमेंट के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर सके.
ओडीओपी अच्छी स्कीम
चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने कहा कि ओडीओपी सरकार की बहुत ही अच्छी योजना है. इसमें सस्ते दर पर लोन के अलावा सब्सिडी भी सरकार दे रही है. शुरुआत में यहां पर टेराकोटा जो यहां का प्रोडक्ट था, उसे ओडीओपी में लिया था. वो कुछ गांवों में सीमित रहा है. इस दृष्टि से ये क्षेत्र हथकरघा का गढ़ रहा है. ऐसे में इस क्षेत्र को रेडीमेड गारमेंट के उद्देश्य से छोटे और नए उद्यमियों को इसका फायदा मिलेगा. इससे छोटे उद्यमियों को फाइनेंस की कमी भी दूर होगी. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा रोजगार रेडीमेड इंडस्ट्रीज में मिलता है. एक करोड़ की लागत पर सबसे अधिक 30 लोगों को रोजगार मिलता है. टेक्सटाइल और रेडीमेड गारमेंट में ही इसका फायदा मिलेगा.
एआईसीसी की सदस्य कांग्रेस नेता और चिकित्सक डा. सुरहिता करीम ने कहा कि बुनकरों के हथकरघा से बनी चादरें और अन्य उत्पाद गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों के अलावा यूपी और अन्य राज्यों में भी इसे बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यहां का बुनकरों के हाथ की बनी चादरें पूरे देश में मशहूर रही हैं. पुनः उसे जागृत करने का अभियान सराहनीय है. उम्मीद है कि ये कार्य सिर्फ चुनाव तक सीमित न रहे. इसे आगे भी अमलीजामा पहनाया जाय. इसे लघु नहीं बल्कि बड़ा उद्योग बनाया जा सकता है. हमें इसके लिए बांग्लादेश से सीख लेकर राज्य से बाहर जाकर काम करने वाले मजदूरों को इससे जोड़ना होगा.
सहकार भारती की प्रदेश महिला प्रमुख मीनाक्षी राय ने बताया कि उनकी स्वयं सहायता समूह ने स्कूलों के कास्ट्यूम ड्रेस का आर्डर मिलता है उसे बनाती हैं. उसको सेल करती हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से अच्छा प्रयास किया जा रहा है. इससे लोगों को रोजगार मिला है और खासकर महिलाएं इससे जुड़कर खुद को आगे बढ़ा रही हैं.
क्या कहना है उद्योगपतियों का
युवा उद्यमी अंकित अग्रवाल ने बताया कि मायरा और युवा के अंतर्गत दो नाम से प्रोडक्ट बना रहे हैं. वे बताते हैं उनका काम कॉटन बेस का है. वे बताते हैं कि युवाओं के लिए बाहर की ही तरह यहां पर उन्हें लुधियाना और दिल्ली में मिलने वाले प्रोडक्स से कम दाम और क्वालिटी के साथ देते हैं. वे कहते हैं कि रेडीमेड को ओडीओपी को महत्व दिया जा रहा है. पहले भी गोरखपुर रेडीमेड का हब रहा है. लेकिन, इस सरकार ने रेडीमेड को प्रमोट किया है. पहले हम लुधियाना और दिल्ली से माल लाते थे. आज हम यहां बैठकर लखनऊ और कानपुर तक माल बेच रहे हैं. इसका हमें गर्व है.
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