Haridwar News - आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों में जुटी हुई हैं. उत्तराखंड बनने के बाद से ही अपने अस्तित्व को खो चुकी समाजवादी पार्टी इस बार लोकसभा चुनाव में अपनी पहचान वापस पाना चाहती है. रविवार को उत्तराखंड में समाजवादी पार्टी की नई कार्यकारिणी का विस्तार किया गया है. जिसमें आगामी हरिद्वार नगर निगम चुनाव और उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में जुट गई है. आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी 2004 में हरिद्वार सीट पर जीत दर्ज की थी. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले 2024 लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी कितनी सीटों पर जीत दर्ज कराती है.
समाजवादी पार्टी का गिरता गया ग्राफ.
उत्तराखंड में कुल 5 लोकसभा सीटें हैं. और 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर बीजेपी जीती थी. अगर 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो भी समाजवादी पार्टी 55 सीटों पर चुनाव लड़ी थी लेकिन एक सीट पर जीत नहीं हासिल हो सकी थी. इसलिए चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि उत्तराखंड में बीजेपी और कांग्रेस ही अभी दो बड़ी पार्टियां हैं. समाजवादी पार्टी को उत्तराखंड में जगह बनाने के लिए और मेहनत की जरूरत है.
इस बार जीत की तैयारी
समाजवादी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ राजेंद्र पाराशर का कहना है कि उत्तराखंड में कांग्रेस और बीजेपी दोनों एक ही सिक्के के पहलू है उत्तराखंड की जनता अब इस बात को भलीभांति समझ चुकी है कांग्रेस और बीजेपी को इस बार उत्तराखंड की जनता नकारने के मूड में है. तीसरे विकल्प के रूप में समाजवादी पार्टी उभर कर आ रही है समाजवादी पार्टी द्वारा प्रदेश भर में बड़े सम्मेलन किए जा रहे हैं जिसमें जनता का हमें सहयोग मिल रहा है.
नवनियुक्त प्रदेश सचिव शुभम गिरी ने कहा है कि समाजवादी पार्टी 2004 के लोकसभा चुनाव की तरह ही 2024 के चुनाव में इतिहास रचेगी. जो हमारे वोटर अन्य पार्टियों की तरफ खींच रहे थे उन वोटरों को हम समाजवादी पार्टी की तरफ लाने का कार्य करेंगे क्योंकि उत्तराखंड समाजवादियों द्वारा ही बनाया गया था मुझे जो जिम्मेदारी संगठन द्वारा दी गई है उसे में बखूबी निभाने का कार्य करूंगा.
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