एटा: उत्तर प्रदेश के एटा जिले में कोविड-19 के संक्रमित मरीजों के उपचार और संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा बांटी जाने वाली दवाओं में एक दवा ऐसी बांटी गयी जो जनवरी में ही एक्सपायर (उपयोग की समय सीमा समाप्त) हो गयी थी. मरीज ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी विभा चलह को की. इस के बाद विभा ने एक्सपायर दवा वितरित किए जाने के मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी उमेश त्रिपाठी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.


मुख्य चिकित्साधिकारी उमेश त्रिपाठी ने बताया कि कोविड-19 के मरीजों को उपचार के लिए मिलने वाली दवाओं की किट (इस पैकेट में कई तरह की दवायें शामिल होती हैं) में एक दवा वितरित किये जाने की जिलाधिकारी से शिकायत की गयी थी जो जनवरी में ही एक्सपायर हो चुकी थी. त्रिपाठी ने बताया कि जब उक्त शिकायत की जांच कर जानकारी की गयी तो वह सही पायी गयी. इसके बाद दवाओं की पैकिंग करने वाले कर्मचारियों अमृत सिंह स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, गजेंद्र सिंह मलेरिया निरीक्षक, श्यामसुन्दर व दीपक कुमार मलेरिया निरीक्षक, श्रीपाल एवं उमेश कुमार को इस लापरवाही के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.


यूपी में यह दूसरी लापरवाही सामने आयी है


उन्होंने बताया कि इसके साथ ही दवा औषधि कार्पोरेशन के प्रभारी कित्साधिकारी राम सिंह को भी नोटिस जारी किया गया है, जहां से यह जनवरी में एक्सपायर हुई दवा मरीजों को बांटने के लिये वितरित की गई. उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इसकी जांच कराके दोषियों के विरूद्व कठोर कार्यवाही की जाएगी.


गौरतलब है कि कोविड के मामले में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की यूपी में यह दूसरी लापरवाही सामने आयी है. इससे पहले सिद्धार्थनगर जिले के बढ़नी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 20 लोगों को पहली खुराक में कोविशील्ड और दूसरी खुराक में कोवैक्सीन लगा दी गई थी.


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