प्रयागराज: पूर्वांचल के माफिया डान के तौर पर बदनाम बीएसपी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को बांदा जेल में मिलने वाली सुविधाएं अब बढ़ा दी गईं हैं. उसे साधारण बंदी को मिलने वाली सुविधाओं के साथ ही कुछ विशेष सुविधाएं भी मुहैया कराई गई हैं. इसके तहत उसे एक मेज- चौकी, अख़बार, मच्छरदानी, पसंद का खाना, पंखा, सोने के लिए लकड़ी का तख़्त, दरी और कॉटन की चादर के साथ ही एक जोड़ी चप्पल भी अलग से मुहैया कराया जा रहा है. मुख्तार अंसारी को यह सभी सुविधाएं उत्तर प्रदेश जेल मैनुअल के पैराग्राफ 432 के तहत जन प्रतिनिधि होने के नाते दी गईं हैं. हालांकि, जेल प्रशासन ने टीवी - कूलर और बाहर से मंगाए जाने वाले खाने की अनुमति नहीं दी है. 


 स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही है सुनवाई


जेल मैनुअल के तहत मुख्तार की सुविधाएं बढ़ाए जाने के बांदा जेल अधीक्षक के जवाब के बाद प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने बाहुबली विधायक की मांग को औचित्यहीन माना है और उस मामले में कोई भी दखल नहीं दिया है. गौरतलब है कि बाहुबली मुख्तार अंसारी से जुड़े ग्यारह आपराधिक मुकदमों की सुनवाई इन दिनों प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही है. मऊ जिले के दक्षिणटोला इलाके में हुए डबल मर्डर केस का ट्रायल भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये चल रहा है. इस केस की सुनवाई के दौरान ही मुख्तार अंसारी की तरफ से बांदा जेल में विशेष सुविधाएं दिए जाने की मांग पिछले दिनों की गई थी. मुख्तार अंसारी की तरफ से कोर्ट में यह दलील दी गई थी कि वह लगातार पांच बार का विधायक है. तकरीबन पचीस साल से जन प्रतिनिधि चुना जाता रहा है. उसे अभी किसी भी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है. पिछले करीब सोलह सालों से वह विचाराधीन कैदी के तौर पर जेल में है. 


मुख्तार की तरफ से दलील 


मुख्तार की तरफ से कहा गया कि, विधायक होने के नाते यूपी जेल मैनुअल के पैराग्राफ 432 के तहत उसे विशेष सुविधाएं मिलनी चाहिए. उसके रहने व खाने के विशेष इंतजाम होने चाहिए. जेल मैनुअल के मुताबिक़ कुछ छूट भी मिलनी चाहिए. मुख्तार ने खुद के बीमार होने, सीनियर सिटीजन की कैटेगरी में आने,ग्रेजुएट होने और इनकम टैक्स पेयी होने की भी दलील देते हुए विशेष सुविधाओं की मांग की थी. कहा यह गया था कि इन सभी आधारों पर उसे उच्चतर यानी सबसे ज़्यादा सुविधाएं मिलनी चाहिए. मुख्तार की इस मांग पर प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने बांदा जेल के अधीक्षक से जवाब तलब कर लिया था. डबल मर्डर केस के ट्रायल के दौरान सरकारी वकील ने बांदा जेल के अधीक्षक का जवाब कोर्ट में पेश किया. 


जेल अधीक्षक का जवाब


बांदा जेल के अधीक्षक के जवाब में कहा गया कि जेल मैनुअल के तहत मुख्तार अंसारी को जेल प्रशासन द्वारा जो भी सुविधाएं दी जानी चाहिए, वह सभी मुहैया करा दी गई है. जवाब में यह भी कहा गया है कि मुख्तार को हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है, ऐसे में सुविधाएं देने में खुद मुख्तार और जेल की सुरक्षा व्यवस्था का भी ध्यान रखा गया है. इन दिनों कोरोना की महामारी है, ऐसे में कोविड प्रोटोकॉल का भी पालन कराया जा रहा है. अधीक्षक के जवाब में सुविधाओं का ब्यौरा नहीं दिया गया है. हालांकि जेल सूत्रों के मुताबिक़ मुख्तार को सोने के लिए तख़्त, चौकी, मेज, मच्छरदानी, चप्पल, अखबार पढ़ने की सुविधा, कॉटन की चादरें, दरी,पसंद का खाना व अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं. जबकि दूसरी तरफ टीवी - कूलर और बाहर से मंगाए जाने वाले खाने की इजाज़त फिलहाल नहीं दी गई है. वैसे जेल मैनुअल के मुताबिक़ वीआईपी कैटेगरी में आने वाले बंदियों को कुछ सुविधाएं जेल प्रशासन की तरफ से दी जाती हैं, जबकि बाकी सुविधाओं का खर्च बंदी को खुद ही उठाना पड़ता है.


अन्य सुविधाओं के लिए नये सिरे से दाखिल करनी होगी अर्जी


प्रयागराज के एडीजीसी क्रिमिनल राजेश गुप्ता के मुताबिक़ बांदा जेल के अधीक्षक की रिपोर्ट के बाद मुख्तार अंसारी की मांग औचित्यहीन हो गई है, इसलिए कोर्ट ने इस मामले में फौरी तौर पर कोई दखल नहीं दिया है. उनका कहना है कि अगर मुख्तार के वकील सुविधाओं को और बढ़ाने या कुछ अन्य मांग करते हैं तो उन्हें नये सिरे से अर्जी दाखिल करनी होगी और कोर्ट उस बारे में कोई फैसला लेगी. एमपी एमएलए कोर्ट से जुड़े वकील सैयद अहमद नसीम का कहना है कि मुख़्तार ने इसी तरह की मांग मऊ व लखनऊ कोर्ट में भी की थी और सभी जगहों पर बांदा जेल के अधीक्षक से जवाब तलब किया गया था. उनके मुताबिक़ मुख्तार अंसारी छह अप्रैल को पंजाब की रोपड़ से यूपी की बांदा जेल में शिफ्ट किया गया था.     
 


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