रायबरेली:  एक तरफ जहां प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ अपराध व अपराधियों पर लगातार हंटर चलाने का काम कर रहे हैं. वहीं अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि मुख्यमंत्री का ही नाम लेकर जिले के अधिकारियों को धमकाने व फर्जी काम करवाने में डर नही रहे हैं.


ऐसा ही मामला रायबरेली जनपद में घटित हुआ जिसमें पुलिस अधीक्षक को मुख्यमंत्री का सलाहकार बता कर धमकाया गया और उन पर  गलत काम करवाने का दवाब बनवाया गया लेकिन पुलिस अधीक्षक की सूझबूझ से फर्जी सलाहकार नटवरलालों को पुलिस ने धर दबोचा.


मुख्यमंत्री के फर्जी सलाहकार सैयद नसर नफीस  व प्रदीप शुक्ला लखनऊ  जबकि मोहम्मद शादाब  रायबरेली के रहने वाले हैं. तीनों ने  मोहम्मद डॉ सलीम से बीस हजार रुपये लेकर उसके बहनोई को जेल भिजवाने की योजना बनाई. योजना में उसका बीएसएनल का नंबर 94544 00 588 कारगर साबित हुआ. इसे सीयूजी नंबर दिखाकर पुलिस अधीक्षक रायबरेली श्लोक कुमार को फोन किया और और कहा कि मैं मुख्यमंत्री का सलाहकार बोल रहा हूं. डॉक्टर सलीम के बहनोई उसकी बहन को बहुत परेशान करते हैं. उन्हें तत्काल जेल भेजकर कठोर से कठोर कार्रवाई करें.


बार-बार मुख्यमंत्री का सलाहकार बनकर  फोन करना पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार को खटकने लगा और उन्होंने एसओजी प्रभारी अमरेश त्रिपाठी और शहर कोतवाल अतुल सिंह को सच्चाई पता लगाने की जिम्मेदारी सौंपी. जैसे ही मामला सामने आया कि मुख्यमंत्री का सलाहकार फर्जी है. अधिकारियों के होश उड़ गए और आनन-फानन में इसी टीम को अनावरण के लिए लगा दिया गया लेकिन नटवरलाल भी गजब के शातिर थे, की घेराबंदी के बावजूद भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ रहे थे. काफी मशक्कत के बाद अमरेश त्रिपाठी व अतुल सिंह की टीम के लंबे हाथ नटवरलालों के गिरेबान तक पहुंच गए और काफी सूझबूझ व घेराबंदी करने के बाद तीनों को लखनऊ से  गिरफ्तार कर लिया.


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