गोरखपुर, एबीपी गंगा। बहुचर्चित फजी शस्त्र लाइसेंस बनाने और अवैध असलहा बेचने के मामले में पुलिस ने दुकान के मालिक रवि पाण्डेय को बीती रात गिरफ्तार कर लिया है। उसे साथ लेकर प्रशासनिक और पुलिस के आलाधिकारी गुरुवार को उसकी पूर्व में सीज की गई दुकान पर पहुंची और जरूरी दस्तावेजों को कब्जे में लिया। इस मामले में एक और मास्टरमाइंड दुकान का कर्मचारी गोपी और असलहा बनवाने वाले अन्य आरोपी पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं। इसमें कई सफेदपोशों के साथ कलेक्ट्रेट के असलहा बाबू राम सिंह के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है। जांच में ये बात भी सामने आई है कि आरोपी आर्म्स पोर्टल को हैक कर पूर्व में जारी की गई यूआईडी से फर्जी लाइसेंस बनाते रहे हैं।
गोरखपुर में फर्जी लाइसेंस बनाने और उस लाइसेंस के माध्यम से अवैध असलहा खरीदने का मामला सुर्खियों में है। कोतवाली इलाके के टाउनहाल स्थित रवि आर्म्स कारपोरेशन के मालिक रवि पाण्डेय को पुलिस ने बुधवार की रात को गिरफ्तार किया। गुरुवार की सुबह पुलिस ने रवि आर्म्स कारपोरेशन पहुंची। एडीएम सिटी आरके श्रीवास्तव, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रथमेश कुमार और एएसपी/सीओ कैण्ट रोहन प्रमोद बोत्रे की टीम ने रवि पाण्डेय को लेकर उसकी दुकान पर पहुंचे। सुबह 10.30 बजे पहुंची टीम ने तीन घंटे तक वहां पर सारे रजिस्टर और कागजात को अपने कब्जे में लिया।
उसके बाद पुलिस उसे लेकर चली गई। इस दौरान आरोपी रवि पाण्डेय ने बताया कि वो लाइसेंस पर असलहा बेचता था। उसने बताया कि उसे इस फर्जीवाड़े के बारे में जानकारी नहीं थी। उसकी दुकान के सारे दस्तावेज असलहा बाबू राम सिंह ने पहले ही मंगा लिए थे। इसके पहले पुलिस मास्टरमाइंड रवि आर्म्स पर काम करने वाले कर्मचारी गोपी को भी गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। दुकान से पूर्व में बरामद रजिस्टर से 40 लोगों का नाम सामने आया, जिनके फर्जी लाइसेंस बनाए गए थे और वे असलहा लेकर भी चल रहे थे। वो अवैध असलहे भी रवि आर्म्स कारपोरेशन से ही खरीदे गए थे।
मौके पर पहुंचे एडीएम सिटी आरके श्रीवास्तव ने बताया कि 14 अगस्त को मामला सामने आया था कि फर्जी शस्त्र लाइसेंस पर अवैध असलहों की बिक्री की गई है। इस मामले में पुलिस लगातार गिरफ्तारी कर रही है। जैसे-जैसे मामले सामने आ रहे हैं उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जो भी लोग इसमें दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पूर्व में दुकान को सीज किया गया था। आज सील तोड़कर आरोपी रवि पाण्डेय को लाकर रजिस्टर और अन्य दस्तावेज को कब्जे में लिया गया है।
इस संबंध में एएसपी सीओ कैण्ट रोहन प्रमोद बोत्रे ने बताया कि रवि पाण्डेय को गिरफ्तार किया गया है। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की जांच टीम उसे लेकर आज यहां पर आई है। उसकी दुकान का सील खोलकर दस्तावेज और रजिस्टर को कब्जे में लिया जा रहा है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है लगतार इसमें गिरफ्तारी भी हो रही है। पुलिस ने इस मामले में बुधवार को रवि पाण्डेय के अलावा शमशाद आलम और प्रणय प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया है। दोनों ने पूर्व में जारी किए गए यूआईडी कोड के आधार पर फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवाकर अवैध असलहे खरीदे थे। उन्होंने बताया कि इसमें सफेदपोशों के नाम सामने आते हैं, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
इसी महीने 14 अगस्त को गोरखपुर के जिलाधिकारी को किसी वाट्सएप ग्रुप पर असलहा लाइसेंस की फोटो किसी युवक के माध्यम से डाले जाने के बाद उसके फर्जी होने का शक हुआ था। उसके बाद पुलिस ने गोरखनाथ इलाके के तनवीर खान को जांच में लाइसेंस के फर्जी पाए जाने पर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस बीच रवि आर्म्स कारपोरेशन के कर्मचारी गोपी और मालिक रवि पाण्डेय के इसमें शामिल होने की जानकारी पुलिस को मिली। पुलिस ने इस बीच फर्जी लाइसेंस पर रवि आर्म्स कारपोरेशन से असलहा खरीदने वाले एक और आरोपी शाहपुर इलाके के घोषीपुरवा के रहने वाले विजय प्रताप को गिरफ्तार किया था। इस मामले में पूर्व में ही आईपीसी की धारा 419, 420 467, 468, 471 और 120 बी के तहत मामला दर्ज किया जा चुका है।