Jewar Airport News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट ग्रेटर नोएडा के जेवर क्षेत्र में बनने जा रहा है. प्रोजेक्ट की जमीन इसे बनाने वाली कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट को हैंडओवर नहीं की गई है, लेकिन इससे पहले ही ठेका दिलाने वाला गिरोह सक्रिय हो गया है. दरअसल, 20 मार्च को जेवर एयरपोर्ट से जुड़ी जमीन पर कार्य आवंटन किए जाने से संबंधित एक पत्र आया है. इसमें नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) और उत्तर प्रदेश सरकार का जिक्र कर फर्जी ढंग से जमीन से जुड़े कार्यों के लिए 500 करोड़ रुपये के टेंडर का अप्रूवल दिखाया जा रहा है. इस मामले में यमुना प्राधिकरण ने पुलिस को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने प्राथमिकी दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.


फर्जी चिट्ठी के मुताबिक, एयरपोर्ट में मिट्टी खुदाई का ठेका मध्य प्रदेश की कंपनी को दिया गया है. इसमें बताया गया है कि उसे 500 करोड़ रुपये का काम मिल गया है. अब यह काम दूसरी कंपनियों (सबलेट) को दिया जाएगा. काम करने की इच्छुक कंपनियां उनसे संपर्क कर सकती हैं. कंपनी के कॉलम में किसी का नाम नहीं लिखा था. चिट्ठी में ऑफिस का पता अनूपपुर, मध्य प्रदेश दिया है. 


डीजल का पेमेंट एडवांस!
इस चिट्ठी में कई तरह की फर्जी जानकारी दी गई है. मतलब, काम लेने वाली कंपनी को डीजल का पेमेंट एडवांस में दिया जाएगा. यह पैसा बिल में काटा जाएगा. इसके अलावा 21 दिन में काम करने वाली कंपनी का बिल पेमेंट किया जाएगा. टेंडर में मिट्टी की खुदाई और उसे दूसरी जगह ले जाना बताया गया है.


"झांसे में ना आएं"
प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने कहा है कि लोग इस तरह के फर्जी पेपर के झांसे में न आएं. उन्होंने बताया कि जेवर एयरपोर्ट को बनाने की जिम्मेदारी ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी और उसकी एसपीवी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड की है. उसमें उत्तर प्रदेश सरकार या किसी अन्य प्राधिकरण की कोई भूमिका नहीं है. टेंडर यही दोनों कंपनियां करेंगी. नियाल का इसमें कोई रोल नहीं है.  


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