Uttarakhand News: पौड़ी गढ़वाल में फर्जी कॉपरेटिव सोसाइटी का पर्दाफाश, 189 करोड़ रुपये का किया गबन
Uttarakhand News: यह सोसाइटी लोगों को अधिक ब्याज और मैच्योरिटी की लुभावनी योजनाओं का लालच देकर उनके पैसे इकट्ठा करती थी. इस पर उत्तराखंड में 92 करोड़ रुपये गबन का आरोप है.
Pauri Garhwal News: पौड़ी गढ़वाल में पुलिस ने एक अंतर्राज्यीय फर्जी कॉपरेटिव सोसाइटी के नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. इस सोसाइटी, जिसका नाम "THE LONI URBAN MULTI STATE CREDIT & TREFT CO-OPRATIVE SOCIETY" (LUCC) है, आरोप है कि उसने उत्तराखंड में 92 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की और अन्य राज्यों में 189 करोड़ रुपये का गबन किया.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह के नेतृत्व में की गई कार्रवाई में यह सामने आया कि यह सोसाइटी लोगों को अधिक ब्याज और मैच्योरिटी की लुभावनी योजनाओं का लालच देकर उनके पैसे इकट्ठा करती थी. लोगों को शुरुआती लाभ दिए जाने के बाद उन्होंने ज्यादा से ज्यादा निवेश करने के लिए प्रेरित किया. इस योजना में लोगों को यह बताया गया कि उनका पैसा विदेशी तेल के कुओं और सोने की खदानों में लगाया जा रहा है.
पौड़ी पुलिस को इस मामले की जानकारी तब मिली जब एक पीड़ित तृप्ति नेगी ने शिकायत दर्ज कराई कि उसे शाखा के मैनेजर विनीत सिंह और कैशियर प्रज्ञा रावत ने पैसे लेकर कोई दस्तावेज नहीं दिया. इसके बाद कोतवाली कोटद्वार में मुकदमा दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई. जांच के दौरान पता चला कि गिरीश चंद्र सिंह बिष्ट नामक एक व्यक्ति ने 2016 में LUCC की शाखा स्थापित की थी और धीरे-धीरे पूरे उत्तराखंड में इसकी 35 शाखाएं खोली गईं. आरोपियों ने सेमिनार आयोजित कर लोगों को आकर्षित किया और फर्जी योजनाओं के माध्यम से उन्हें निवेश करने के लिए मजबूर किया. गिरफ्तार अभियुक्तों में उर्मिला बिष्ट, जगमोहन बिष्ट, प्रज्ञा रावत, विनीत सिंह और गिरीश चंद्र बिष्ट शामिल हैं. पुलिस ने उनके पास से दो फॉर्च्यूनर कारें भी बरामद की हैं.
189 करोड़ का गबन आया सामने
पुलिस के अनुसार, LUCC के खिलाफ उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी कई मामले दर्ज हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह एक संगठित धोखाधड़ी है. अब तक की जांच में 189 करोड़ रुपये का गबन सामने आया है, जबकि मुख्य खाते में केवल 2 लाख रुपये बचे हैं. पौड़ी पुलिस ने अभियुक्तों पर विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें न्यायालय में पेश किया है. यह मामला स्थानीय लोगों के लिए एक चेतावनी है कि वे फर्जी निवेश योजनाओं से सावधान रहें. पुलिस की इस कार्रवाई ने समाज में बढ़ती धोखाधड़ी के खिलाफ एक सख्त संदेश दिया है, जिससे उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं में कमी आएगी.
ये भी पढ़ें: 'महाराष्ट्र के दुश्मनों को...' विधानसभा चुनाव के बीच अखिलेश यादव ने लिखी चिट्ठी, लगाए गंभीर आरोप