मेरठ, एबीपी गंगा। देश की राजधानी दिल्ली से महज 50 किलोमीटर दूर मेरठ से एक ऐसी खबर निकल कर आई है, जिसने देश की सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। आपको बता दें उत्तर प्रदेश के वो जिले जो दिल्ली एनसीआर में शामिल हैं उनके टोल प्लाजा पर हजारों की संख्या में फर्जी आई कार्ड बरामद हो रहे हैं। साथ ही उनका इस्तेमाल कर लाखों रुपये के टोल टैक्स का चूना लगाया जा रहा है। लेकिन ये कार्ड देश की सुरक्षा को लेकर चिंताजनक है। क्योंकि अगर ऐसे कार्ड अतंकवादियों या फिर अराजकतत्वों के बन गए तब इसके परिणाम खतरनाक हो सकते हैं। हम आपको बताते हैं दरअसल ये कार्ड बने किस किस विभाग के नाम से, ये वो कार्ड हैं जिनमे पुलिस अधिकारी पीडब्ल्यूडी अधिकारी एक ही इंसान के कई आधार कार्ड निर्वाचन कार्ड के अलावा तमाम विभागों के आई कार्ड शामिल हैं।


मेरठ के शिवाय टोल प्लाजा में हजारों की संख्या में ऐसे कार्ड बरामद हुए हैं, जिन्हें टोल बचाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था लेकिन इन कार्डों ने देश और प्रदेश की सुरक्षा को लेकर चिंतित भी कर दिया है लेकिन जब एबीपी गंगा ने टोल मैनेजर से बात की तो उनका कहना है कि इन कार्डों के जरिए लाखों रुपये के रेवेन्यू का रोज चूना लग रहा और इसकी जानकारी इन्होंने पुलिस को भी दी लेकिन अभी तक व्यापक कार्रवाई नहीं हुई।


हालांकि इस पूरे प्रकरण को लेकर एबीपी गंगा एडीजी प्रशांत कुमार के पास पहुंचा और उनसे जानने की कोशिश की कि आखिर कुछ दिन पहले ग्रेटर नोएडा के जेवर टोल प्लाजा पर कई हजार कार्ड ऐसे ही बरामद हुए थे, इसके बाद दादरी टोल पर भी हजारों की संख्या में फर्जी कार्ड बरामद हुए और अब मेरठ के शिवाया टोल प्लाजा पर भी हजारों की संख्या में फेक आईडी बरामद हुई। जिनको दिखाकर टोल टैक्स से बचा जा रहा था और इसकी जानकारी पुलिस को भी दी गई लेकिन कार्रवाई क्या हुई। इस पर प्रशान्त कुमार ने बताया कि पुलिस इस गैंग की जल्द तलाश करेगी और जल्द ही ये सलाखों के पीछे होंगे लेकिन उन्होंने भी माना कि सुरक्षा की नजर से ये बहुत ही चिंता की बात है और पुलिस इसपर काम कर रही। आपको बता दें कि अबतक एक लाख से ज्यादा फर्जी आईकार्ड कई टोल प्लाजा से बरामद किए जा चुके हैं, जिसमे से 10 हाजर के करीब सिर्फ पुलिस अधिकारियों के ही कार्ड है। और ये सभी टोल प्लाजा दिल्ली एनसीआर में हैं। ऐसे में सुरक्षा को लेकर चिंता होनी लाजमी है ।