आजमगढ़: सामाजिक संरचना के मूलाधारों में शिक्षा का बहुत महत्व माना जाता है. लेकिन, भ्रष्टाचार की जड़ें शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह जकड़े हुए हैं. शिक्षा माफियाओं ने शिक्षा व्यवस्था को मकड़ी की तरह मकड़जाल में फंसा रखा है. ऐसा ही एक मामला महाराजगंज शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय भीलमपुर से सामने आया है. जहां राजेश कुमार यादव पुत्र रामविलास यादव ग्राम मडयां थाना खलीलाबाद अपने ही गांव के राजेश कुमार पुत्र राम दुलारे अनुसूचित जाति के नाम पर नौकरी कर रहा था. 2010 की चयन प्रक्रिया में शिक्षा माफियाओं की मदद से अभियुक्त के पिता रामविलास यादव द्वारा लेनदेन कर नियुक्ति पत्र प्राप्त कर लिया गया. जिसके सहारे अभियुक्त बिना किसी प्रशिक्षण और काउंसलिंग के प्राथमिक विद्यालय भीलमपुर में सीधे ज्वाइनिंग के लिए पहुंचा. जहां उमेश चंद्र पांडे पुत्र कृष्ण चंद्र पांडे द्वारा उसे ज्वाइन भी करा दिया गया.


फर्जी शिक्षक गिरफ्तार 


वर्तमान एबीएसए विजय प्रकाश के द्वारा तीन अप्रैल, 2021 को इसके विरुद्ध कोतवाली महाराजगंज में प्राथमिकी दर्ज कराई गई. तदोपरांत निरीक्षक विमलेश कुमार मौर्य द्वारा प्रकरण की जांच सीओ सगड़ी के निर्देशन में शुरू की गई. जांचकर्ता निरीक्षक विमलेश कुमार मौर्य के अनुसार निरीक्षण टीम कई दिनों से अभियुक्त के बारे में तमाम जांच व कार्रवाई के साथ साक्ष्य एवं गोपनीय सूचना के आधार पर गिरफ्तार कर लिया गया. जहां उसने अपने वेतन वाले बैंक में किसी काम से गया था.


शिक्षा माफियाओं के बारे में दी जानकारी


अभियुक्त ने बताया कि मेरे पिता खलीलाबाद में चाय की दुकान चलाते थे, जहां शिक्षा माफियाओं के साथ मिलकर बिना किसी काउंसलिंग व डायट पर प्रशिक्षण के नियुक्ति पत्र के सहारे ज्वॉइन कर लिया. उसने यह भी बताया कि कभी -कभी अपने पिता से इसके बारे में बात कही तो कहे कि तत्कालीन बीएसए और आफिस के बाबू लोगों से मेरी बात व लेन देन हो चुकी है. घबराने की कोई बात नहीं है, तुम बिंदास नौकरी करो. इस मामले में आजमगढ़ पुलिस अधीक्षक का कहना है मुकदमा लिख कर अभियुक्त को जेल भेजा गया.


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