लंबे समय से पुलिस को चकमा दे रही फर्जी शिक्षिका रायबरेली से गिरफ्तार, 15 हजार का इनाम घोषित था
रायबरेली से पुलिस ने फर्जी शिक्षिका को गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक साल 2019 में फर्जी दस्तावेत के सहारे इस शिक्षिका ने नौकरी पाई थी.
रायबरेली: वर्षों से फरार चल रही पंद्रह हजार की इनामी फर्जी शिक्षिका को पुलिस ने लखनऊ के बालागंज से उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वह हेल्थ प्वाइंट से निकल रही थी. मामला कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के फर्जी अनामिका कांड से जुड़ा है. फरार फर्जी अनामिका उर्फ मंजेश कुमारी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 2019 से बछरांवा कस्तूरबा गांधी विद्यालय में नौकरी कर रही थी.
इस तरह पकड़ी गई फर्जी शिक्षिका
आधा दर्जन से अधिक जनपदों में अनामिका शुक्ला के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में नौकरी कर रही फर्जी शिक्षिकाओं का मामला उजागर होने पर पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था. रायबरेली जनपद के बछरावां स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में भी एक फर्जी शिक्षिका अनामिका शुक्ला के नाम से नौकरी कर रही थी. जैसे ही तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी को इसकी जानकारी हुई तत्काल वेतन रोक कर उससे मूल प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए कहा गया. फर्जी अनामिका के पास मूल प्रमाण पत्र हो तब वह प्रेषित करे. उसने मूल प्रमाण पत्र की जगह व्हाट्सएप पर वार्डन को इस्तीफा भेज दिया और फरार हो गई. जिस पर बछरावां थाने में संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया और उसकी खोजबीन में पुलिस लग गई.
15 हजार का इनाम घोषित था
जांच में पता चला कि, फर्जी अनामिका शुक्ला के नाम पर नौकरी कर रही शिक्षिका का वास्तविक नाम मंजेश कुमारी उर्फ अंजली है जो बेहटा रामपुर थाना सौरिख जनपद कन्नौज की रहने वाली है. फरार चल रही अनामिका शुक्ला उर्फ मंजेश पुलिस को लगातार चकमा दे रही थी जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने उस पर 15 हजार का इनाम भी घोषित कर दिया था. बछरावां थाना अध्यक्ष राकेश सिंह की टीम अंजेश कुमारी को ढूंढने में लगी थी तभी मुखबिर से सूचना मिली कि, वह लखनऊ के बालापुर चौराहे के पास एक हेल्थ पॉइंट में काम करती है. जैसे ही फर्जी अनामिका उर्फ मंजेश हेल्थ पॉइंट से निकली पहले से घात लगाए बैठे पुलिसकर्मियों ने उसे धर दबोचा और थाने लाकर जेल भेज दिया.
2019 से कर रही है नौकरी
सन 2019 में मंजेश कुमारी उर्फ अंजली ,अनामिका शुक्ला का फर्जी दस्तावेज लगाकर रायबरेली में पूर्णकालिक विज्ञान शिक्षिका के पद पर नियुक्ति ली. जिसे बछरावां स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में तैनाती दी गई. एक साल से ज्यादा समय तक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मंजेश कुमारी नौकरी करती रही लेकिन बागपत, सहारनपुर, अंबेडकर, नगर ,वाराणसी सहित आधा दर्जन से अधिक जिलों में भी मंजेश कुमारी जैसे अन्य लोग अनामिका शुक्ला के नाम पर फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे थे. जैसे ही इसकी जानकारी प्रदेश के उच्च शिक्षा अधिकारियों को हुई सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया कि तत्काल मूल दस्तावेजों की जांच जाए. रायबरेली में भी जांच हुई तो फर्जी अनामिका शुक्ला के नाम पर काम करते एक शिक्षिका मिली. पुलिस जांच में फर्जी शिक्षिका अंजेश कुमारी उर्फ अंजली के रूप में पहचान हुई. जिसके बाद पुलिस बीते 20 जून को लखनऊ के बालागंज चौराहे के पास से अंजली को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
बीएसए रायबरेली द्वारा एक मुकदमा थाना बछरावां में लिखाया गया. जिसमें कस्तूरबा गांधी विद्यालय में गलत तरीके से नौकरी करने की बात कही गई थी. थानाध्यक्ष बछरांवा द्वारा विवेचना में इस बात को शामिल किया गया और जब विवेचना की गई तो पाया गया कि मंजेश कुमारी उर्फ अंजली जो कन्नौज की रहने वाली है. वह फर्जी अनामिका के नाम पर नौकरी कर रही थी. मंजेश पर 15 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था. मंजेश उर्फ अंजली को बछरावां पुलिस ने लखनऊ के बालापुर के पास से गिरफ्तार किया और न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया.
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