गोंडा, एबीपी गंगा। गोंडा में शिक्षा माफिया के मकड़जाल का बोलबाला है। यहां फर्जी मार्कशीट, फर्जी आधार कार्ड, फर्जी पैन कार्ड के साथ-साथ अन्य जरूरी कागजात और दूसरे के नाम पर नौकरी करना कोई बड़ी बात नहीं है। लगभग डेढ़ वर्ष से चल रही एसआईटी जांच और लोगों की शिकायत पर बेसिक शिक्षा विभाग कार्रवाई कर रहा है। फिलहाल इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड कौन इस बारे में अभी तक तत्वीर साफ नहीं हो सकी है।
भले ही फर्जी अध्यापकों पर कार्रवाई की जा रही हो लेकिन मामले में अभी कई परतों का खुलना बाकि है। बेसिक शिक्षा विभाग फर्जी अध्यापकों के डॉक्यूमेंट का सत्यापन करवाने के बाद अबतक 1 साल के अंदर 61 अध्यापकों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई कर चुका है। बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीराम सिंह का कहना है कि अब कोई भी फर्जी अध्यापक फर्जी मार्कशीट या डॉक्यूमेंट के आधार पर जिले में नौकरी नहीं कर पाएगा।
गोंडा में फर्जी अध्यापकों पर लगातार कार्रवाई हो रही है लेकिन ये मकड़जाल पूरे जिले में फैला हुआ है। ताजा मामला उस वक्त सामने आया जब पैन नंबर के आधार पर एक नए मामले का खुलासा हुआ। नर्मदा चंद नाम के शिक्षक ने शिकायत की और शिकायत के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने जब राम लखन पुत्र महंगू बस्ती के निवासी के कागजात का सत्यापन कराया गया तो यह निकल कर आया कि यह गोंडा के विकासखंड परसपुर में तैनात हैं इनको नोटिस पर नोटिस दिए गए लेकिन ये बीएसए कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए।
कुछ महीने पहले एक और मामला सामने आया था जिसमें एक ही डॉक्यूमेंट मार्कशीट आधार व पैन कार्ड के आधार पर एक नाम के दो लोग नौकरी कर रहे थे। महाराजगंज जिले में तैनात अध्यापक के खाते से जब पैसा निकल गया तो उन्होंने पूरे मामले की जांच की। पता चला कि गोंडा के लेखा विभाग से यह कारनामा हुआ है। जब पूरी गहराई से जांच हुई तो यहां पर उसी अध्यापक के नाम से एक दूसरा अध्यापक तैनात था।