वाराणसी: ताऊ ने घर से निकाला...पति-पत्नी दुधमुंहे बच्चे के साथ धरने पर बैठे
वाराणसी में संपत्ति विवाद का मामला इतना बढ़ गया कि परिवार के ताऊ ने अपने भतीजे-बहू को दुधमुंहे बच्चे के साथ घर से बाहर निकाल दिया। इसके बाद परिवार धरने पर बैठा है
वाराणसी, एबीपी गंगा। संपत्ति के लालच में इंसान कितना अंधा हो जाता है कि अपने गोद में लाड़-प्यार के साथ अपने सामने बड़े हुए बच्चों को भी घर के बाहर निकाल देता है। ऐसी ही एक घटना वाराणसी में सामने आई है जहां पर कैंट थाना क्षेत्र के पांडेपुर दौलतपुर स्थित नई बस्ती में विशाल राणा नाम के एक युवक को प्रेम विवाह की सजा उसके ताऊ ने घर से बाहर निकाल दिया। अब वह युवक अपनी पत्नी और मात्र डेढ़ माह के नवजात शिशु को लेकर घर के बाहर दरवाजे पर बैठकर न्याय मिलने का इंतजार कर रहा है। इस युवक और उसकी पत्नी को मोहल्ले के लोग खाने पीने की व्यवस्था कर रहे हैं। युवक के पिता लकवा के शिकार हो गए हैं। युवक का आरोप है कि उसके ताऊ ने संपत्ति के लालच में उनके पिता को बंधक बना रखा है। युवक की मां बचपन में ही गुजर गई है।
अपने ताऊ के दुर्व्यवहार से व्यथित विशाल राणा ने बताया कि वह पांडेपुर के दौलतपुर का रहने वाला है और वह अपने पत्नी और डेढ़ माह के बच्चे के साथ घर के बाहर बैठा हुआ हूं। 15 महीने पहले मैंने लव मैरिज कर ली थी, उसके बाद मैं बाहर ही रह रहा था मुझे पता लगा कि मेरे पिता को पैरालाइज का अटैक पड़ गया है जिसको सुनकर मैं तीन-चार दिन पहले घर वापस आया हूं तो मेरे बड़े पिताजी मुझे घर के अंदर नहीं आने दे रहे हैं और ना ही मुझे मेरे पिताजी से मिलने दे रहे हैं, मेरे पिताजी की तबीयत बहुत खराब है जिसके बाद मेरे ताऊ जी ने मेरे पिताजी से एक रजिस्टर्ड नोटरी है जिस पर संपत्ति का उन्होंने मालिकाना हक अपने नाम करवा लिया है, उसी के आधार पर वह मेरी कहीं कोई बात नहीं चलने दे रहे हैं, कहना है कि मैंने जिम्मेदारी उठाई है और तुम्हें घर में नहीं रहना है तुम बाहर रहो मेरी गलती बस यही है कि मैंने इंटरकास्ट लव मैरिज कर लिया है। विशाल ने कहा कि उसके आगे बस एक ही रास्ता है कि यह मेरा मोहल्ला है मेरी गली है मैं अपने घर के आगे यही आशा लेकर बैठा हूं। अब मैं कहीं नहीं जाऊंगा मुझे न्याय चाहिए, अगर मुझे नहीं नहीं मिलेगा तो मैं यहीं अपनी पत्नी और मासूम बच्चे के साथ कठोर कदम आत्मदाह का उठा लूंगा।
मोहल्ले के लोगों के द्वारा खाना पीना दिया जा रहा है लेकिन आज से अब मैं अनशन पर बैठ रहा हूं। अब मैं कुछ भी नहीं खाऊंगा जब तक मुझे न्याय नहीं मिल जाएगा। विशाल ने कहा कि मैंने न्याय के लिए कप्तान साहब से भी गुहार लगाई वहां से जांच का आदेश आया लेकिन पहाड़िया चौकी पर आते ही पूरी बात दब जाती है। मैंने अपनी शिकायत महिला हेल्पलाइन 1090 पर भी किया साथ ही सीएम पोर्टल 1076 पर भी मैंने अपनी समस्या की शिकायत की है सब पर कंप्लेन किया लेकिन सारी कंपनियां चौकी पर ही फॉरवर्ड होती हैं। वहां से कोई सुनवाई नहीं हो रही है मेरे पिताजी इस समय घर के अंदर हैं उन्हें बंदी बनाकर रखा गया है।
विशाल की पत्नी कविता राणा ने कहा की मेरा मायका मऊ और मैंने विशाल से लव मैरिज की है। अभी हम लोग घर आए तो बड़े पिताजी ने घर में घुसने नहीं दिया और बाहर निकाल दिया। शादी के बाद हम लोग दूसरी जगह किराए पर रहते थे। ताऊजी हमेशा कहते थे कि कुछ दिन बाद हम तुम लोगों को रहने देंगे लेकिन अब वापस आने पर उन्होंने घर से बाहर निकाल दिया। कविता ने कहा कि यही हमारा ससुराल है, हम यहीं पर रहेंगे कहीं नहीं जाएंगे और अगर ताऊजी अंदर नहीं घुसने देंगे तो हम ही पर मौत को गले लगा लेंगे।विशाल के ताऊ राजेंद्र राणा से बात करने पर उन्होंने बात करने से इंकार कर दिया कहा कोई समस्या नहीं है। हम बाद में बात करेंगे अभी हम हड़बड़ी में हैं, बाद में बताएंगे राजेंद्र ने विशाल द्वारा दरवाजे पर न्याय के लिए बैठे रहने पर कहा कि आप जैसे दिखते हैं वह सच नहीं होता है, हम एक-दो घंटे बाद आएंगे तब आराम से आपसे बात करेंगे कहकर टालते हुए अंदर चले गए।