उन्नाव: बीजेपी विधायक पर अपने ही परिजनों ने लगाये गंभीर आरोप, भाई की पत्नी ने कहा- संपत्ति पर किया जबरन कब्जा
उन्नाव के मोहना से विधायक ब्रजेश रावत पर उनकी भाई की पत्नी ने आरोप लगाये हैं. उनका कहना है कि हमारा हिस्सा नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हम सभी को प्रतिड़ित किया जाता है और भद्दी भद्दी गालियां दी जाती हैं.
उन्नाव: उन्नाव से बीजेपी के विधायक ब्रजेश रावत पर उन्हीं के परिजनों ने गंभीर आरोप लगाये हैं. ये आरोप उनके छोटे भाई की पत्नी ने लगाए हैं. विधायक पर आरोप है कि वे घर और पैतृक जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं. परिजनों का आरोप है कि विधायक घर में मौजूद महिलाओं के साथ गाली गलौज भी करते हैं. बच्चों के साथ डीएम की चौखट पहुंचे परिजनों ने न्याय की मांग की है. जिलाधिकारी ने मामले की जांच एडीएम को सौंपी है.
मामला उन्नाव शहर के मोहल्ला गिरजाबाग का है. जहां मोहान विधानसभा से बीजेपी विधायक ब्रजेश रावत के छोटे भाई राजेश रावत अपनी पत्नी विनीता रावत और बच्चों के साथ डीएम ऑफिस पहुंचे. विधायक की बहू और भाई का आरोप है कि बड़े भाई विधायक उसके पैतृक घर औऱ जमीन पर जबरन कब्जा कर रहे हैं और वो मजदूरी कर किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है लेकिन विधायक अपनी मनमानी कर रहे हैं.
परिजनों का आरोप देते हैं भद्दी भद्दी गालियां
आपको बता दें कि विधायक और उसके छोटे भाई का परिवार वर्तमान में शहर के मोहल्ला गिरजाबाग में रह रहे हैं. विधायक के छोटे भाई की पत्नी विनीता ने बताया कि ब्रजेश रावत मोहान से विधायक हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उनसे जब हम लोग संपत्ति के लिए कहते हैं कि बंटवारा करो तो वह प्रताड़ित करते हैं, भद्दी भद्दी गालियां देते हैं. विधायक के परिजनों का आरोप है कि हमें धमकी दी जाती है.
डीएम ने सौंपी जांच
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि हमें भगा दिया जाता है. विधायक के पीड़ित परिजनों ने आरोप लगाते हुए बताया कि यहां जबरदस्ती गेस्ट हाउस बनवा दिया गया. गांव में घर बनवा लिया है वह भी जबरदस्ती. अभी बंटवारा नहीं हुआ है. पीड़िता ने बताया कि रिश्ते में ब्रजेश रावत हमारे जेठ हैं और हम तीन लोगों का हिस्सा नहीं दे रहे हैं. डीएम ने पीड़ित के प्रार्थना पत्र की जांच ADM राकेश कुमार को सौंपी है.
आपको बता दें कि, ब्रजेश रावत 2017 में पहली बार उन्नाव की मोहान सीट से बीजेपी विधायक बने हैं. वहीं पूरे मामले पर डीएम रविन्द्र कुमार का बयान सामने आया है. जिलाधिकारी ने मामले की जांच एडीएम राकेश कुमार सिंह को सौंपी है.
ये भी पढ़ें.
लव जिहाद अध्यादेश पर योगी सरकार को राहत, HC का रोक लगाने से इनकार, 7 जनवरी को अंतिम सुनवाई