बस्ती. पिता की हत्या के बाद अब उनके बेटे न्याय के लिए पुलिस के आला अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं, जमीन के विवाद को लेकर बेटों के सामने ही पिता की हत्या कर दी गई और जब पुलिसिया कार्रवाई की बारी आई तो पुलिस ने आरोपियों में से कुछ को पकड़ा और कुछ को गिरफ्तार करने से कतरा रही है. मृतक के परिजनों का आरोप है कि जब वह आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए थानेदार के पास जाते हैं तो उनसे कहा जाता है कि संयोग था कि घटना हो गई अब आप सब्र करिए, जबकि इस पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड पूर्व जिला पंचायत सदस्य और बसपा नेता अवधेश यादव है, जो खुलेआम आज भी घूम रहा है. यही नहीं, मृतक के परिजनों को मुकदमा वापस लेने की धमकी दे रहा है.


गौरतलब है कि इस मामले में पुलिस कर्मियों की संलिप्तता भी सामने आई है, जिसे लेकर पुलिस अधीक्षक ने तीन सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया है और इस पूरे मामले की जांच के लिए दूसरी टीम गठित कर दी गई है.


ये था मामला


लुंबिनी-दुद्धी मार्ग पर कलवारी थाना क्षेत्र स्थित सरयू नदी पर बने पुल के पास भूमि विवाद को लेकर हुए खूनी संघर्ष में एक की मौत हो गई थी जबकि आधा दर्जन लोग घायल हुये थे. मृतक सपा नेता रहे राजेश यादव 45 वर्ष धोबहट गांव के निवासी थे. एसपी हेमराज मीणा ने बताया इस मामले में सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.


धोबहट गांव के राजेश यादव और जगदीश यादव के बीच माझा में खेत को लेकर विवाद चल रहा था. दोनों पक्ष अपनी-अपनी दावेदारी करते चले आ रहे थे. चार दिन पहले की बात है एक पक्ष ने खेत में बोई गई चरी को काट लिया. इसे लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी के बाद तनाव और बढ़ गया. रविवार को राजेश अपने भाई उमेश के साथ टांडा पुल के पास सरयू नदी में नहाने गए थे. लौटते समय पुल के पास जगदीश के साथ चार-पांच लोग मिल गए. दोनों पक्षों में कहासुनी शुरू हो गई, जो बढ़कर मारपीट में तब्दील हो गई. जिसमें राजेश गंभीर रूप से घायल हो गया. शोरगुल होने पर राजेश के बेटे अम्बिका, भाई दिनेश व योगेन्द्र भी मौके पर पहुंच गए. दोनों पक्षों में हुए खूनी संघर्ष में आधा दर्जन लोग घायल हो गए. सूचना पर पहुंची पुलिस ने खून से लथपथ राजेश को जिला अस्पताल भेज दिया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. घायलों में उमेश, अम्बिका, दिनेश, योगेन्द्र, जगदीश व चन्द्रहास शामिल हैं.


मृतक राजेश यादव तीन भाइयों में सबसे बड़े थे. छोटे भाई दिनेश व उमेश के साथ खेती-बाड़ी कर परिवार का जिम्मा संभालते थे. राजेश की छह संतानें हैं. चार बेटे बजरंग प्रसाद 22वर्ष,अम्बिका 20 वर्ष, अरविन्द 14 वर्ष, विकास 11 वर्ष व बेटी कविता 19 वर्ष और दिव्या 17 वर्ष हैं. परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है.


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