लखनऊ: राजधानी के अतिविशिष्ट इलाके हजरतगंज में स्थित विधानभवन के सामने सोमवार को बाराबंकी के एक परिवार ने अपने दो बच्चों के साथ आत्मदाह का प्रयास किया लेकिन इससे पहले की वह आग लगा पाते पुलिस ने उन्हें बचा लिया. पुलिस ने इसकी जानकारी दी. इससे पहले पिछले सप्ताह विधानभवन के नजदीक एक महिला ने अपने ऊपर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा ली थी जिसकी बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी थी.


पुलिस उपायुक्त सोमेन बर्मा ने बताया कि ''सोमवार दोपहर बाराबंकी के सदर कोतवाली के रहने वाले नसीर और उनकी पत्नी अपने दो नाबालिग बेटों के साथ विधानभवन के गेट नंबर दो के पास पहुंचे. उन्होंने अपने और अपने पूरे परिवार के ऊपर कोई तरल पदार्थ डाला. इससे पहले की वह माचिस या लाइटर जला पाता वहां खड़े पुलिसकर्मियों ने पूरे परिवार को पकड़ लिया.'' उन्होंने कहा कि नसीर से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने बताया कि बाराबंकी में उसकी दुकान थी जिसे अतिक्रमण अभियान के दौरान गिरा दिया गया था जिससे उसके सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है, इसलिये उसने परिवार सहित आत्मदाह की सोची.


बाराबंकी पुलिस की एक टीम परिवार को लेने आ रही है


डीसीपी बर्मा ने बताया, ''चूंकि परिवार दूसरे जिले बाराबंकी का है इसलिये मैने वहां के जिलाधिकारी से बात कर ली है और वहां से पुलिस की एक टीम परिवार को लेने आ रही है. परिवार को उनको सौंप दिया जायेंगा. इसके बाद की कार्रवाई बाराबंकी प्रशासन करेगा.''


गौरतलब है कि पिछले सप्ताह महाराजगंज जिले की रहने वाली 35 वर्षीय महिला ने पारिवारिक विवाद में विधानभवन के सामने स्थित भाजपा कार्यालय के नजदीक ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा ली थी. महिला की बाद में इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गयी थी. महिला को आत्महत्या के लिये उकसाने के मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया था, जो कथित रूप से कांग्रेस का कार्यकर्ता बताया जाता है. हजरतगंज स्थित विधानभवन के आसपाल का इलाका अतिविशिष्ठ इलाके में आता है और यहां 24 घंटे भारी पुलिस बल की तैनाती रहती है.


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