वाराणसी, एबीपी गंगा। सुबह बनारस की और शामे अवध की...दोनों उतने ही मशहूर हैं, जितना बनारस का खानपान। यूं तो बनारस का नाम लेते ही सामने घाट, गंगा और प्राचीन मंदिरों के दृष्य उभरकर सामने आ जाते हैं, लेकिन जितना खूबसूरत बनारस का नजारा है, उतना ही स्वादिष्ट यहां का खाना है। यहां का जलेबा, लौंग लता, कचौड़ी, ठंडाई जैसे तमाम खाने-पीने की चीजें लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने पर मजबूर कर देती हैं। यकीन मानिए, आपने एक बार इसका स्वाद चखा, तो बार-बार यहां दौड़े चले आएंगे।
तो चलिए आज हम आपको बनारस के स्वाद की गलियों की सैर कराने ले चलते हैं। ये वो जगहें हैं जहां स्वास्थ्य और स्वाद दोनों का ख्याल रखा गया है। तो चलिए चखते हैं बनारस के खान और पान का रस।
दीना चाट भंडार
अगर आप है चाट- गोलगप्पों के शौकीन, तो चले आइए बनारस की मशहूर दीना चाट भंडार की दुकान पर। ये दुकान 70 साल पुरानी है। लगातार तीन पीढ़ियां इस दुकान को चलाती आई हैं। चटपटी चाट और गोलगप्पों का बेहतरीन स्वाद आपको मिलेगा दीना चाट भंडार पर। हनुमान मंदिर रामपुर लक्सा रोड पर पड़ती है ये दुकान और यहां का सबसे खास आइटम है टमाटर चाट। ग्राहक देसी हो या फिर विदेशी हर कोई यहां की टमाटर चाट पर फिदा है और इनकी पहली पसंद यहीं होती है। एक बार जिसने इसका टेस्ट ले लिया, तो पक्की बात है दोबारा यहां जरूर आएगा। अब जब इतनी तारीफ हो गई है तो रेट चार्ट पर भी नजर डाल लेते हैं। गोलगप्पे 20 रुपये प्लेट है, तो आलू टिक्की और टमाटर चाट आपको महज 30 रुपये प्लेट में मिलेगी। तो आइए और गरमगरम चाट का आनंद उठाइए।
काशी की सुबह और पूड़ी-सब्जी...
मंदिर के घंटों की आवाज और धूप की खुशबू के बीच काशी की सुबह की शुरुआत होती है। इसी के साथ सुबह ही सज जाती हैं खाने की दुकानें। कद्दू की सब्जी-पूड़ी और उसके साथ गरमागरम जलेबी...ये है बनारस की पहचान। लंका पर स्थित मशहूर चाची की दुकान की पूड़ी-सब्जी खाने लोग दूर-दूर से आते हैं। इसका स्वाद लोगों को सुबह-सुबह दुकान पर खींच लाता है। तो अगर आप काशी आए हैं तो कचौड़ी गली जाना न भूलें।
लौंग लता
लगभग बनारस की हर दूसरी दुकान पर आपको मिल जाएगा ‘लौंग लता’, इसे ‘लवंग लतिका’ भी कहते हैं। जब भी बनारसी व्यंजनों की बात होती है, तो लौंग लता का नाम जरूर आता है। जो भी काशी आता है, वो एक बार तो जरूर इसको चखता है। अब जिन्हें नहीं पता आखिर लौंग लता होता कैसा है और कैसा होता है इसका स्वाद। तो उनको बता दें कि दरअसल, ये मैदे से बनाया गया एक मीठा व्यंजन है। जिसके अंदर खोआ भरा होता है, साथ में बहुत सारे ड्राई फूड्स भी होते हैं। इसे चाशनी में डिबोया जाता है, फिर लोगों को सर्व किया जाता है। इसे लौंग लता का नाम इसलिए दिया गया क्योंकि मैदे की रोटी के अंदर खोआ भरकर उसे लौंग डालकर फोल्ड किया जाता है और घी में डीप फ्राई करते हैं। फिर इसे चाशनी में डिप करते हैं।
मलइयो
काशी आएं और मलइयो को भूल जाए...ऐसा कैसे हो सकता है। काशी की खास पहचान है दूध से बनने वाला मलइयो और उससे भी ज्यादा खास है इसे बनाने का तरीका। मलइयो बनाने के लिए दूध को चीनी के साथ उबालकर रातभर आसमान के नीचे ओस में रख दिया जाता है। इसके बाद दूध को काफी देर तक फेंटा जाता है, जिससे झाग तैयार होता है। इस तरह तैयार होता है मलइयो। ये सिर्फ स्वाद में ही लाजवाब नहीं है, बल्कि आयुर्वेदिक दृष्टि से भी ये बहुत गुणकारी होता है। आंखों के लिए मलइयों किसी वरदान से कम नहीं। कहते हैं जितनी ज्यादा मलइयो में ओस बढ़ती है, उतना ही इसकी गुणवत्ता बढ़ती है और उतना ही ये आपकी सेहत के लिए भी अच्छा होता है। चूंकि मलइयो बनाने में ओस की बूंदों का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए ये केवल सर्दी के तीन महीने में ही मिलता है।
ब्लू लस्सी
मणिकर्णिका घाट पर स्थित है बनारसी लस्सी की मशहूर दुकान ब्लू लस्सी। ये दुकान करीब 95 साल पुरानी है। भोलेनाथ के गानों की धुन और ठंडी-ठंडी लस्सी का मजा ही कुछ और होता है। यहां हर वक्त देसी-विदेशी पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। यहां पर आपको हर फ्लेवर की लस्सी मिलेगी- अनार, सेब, चॉकलेट आदि। यहं 40 रुपये से लेकर 105 रुपये तक की लस्सी मिलती हैं। तो गंगा जी में स्नान कीजिए और उसके बाद लुत्फ उठाइए बनारस की मशहूर लस्सी का।
ताज होटल
ऐसा ही नहीं कि आपको बनारस में केवल वेज व्यंजन ही स्वादिष्ट मिलेंगे, अगर आप मुगलई खाने के शौकीन हैं तो बनारस के ताज होटल ( नॉनवेज दुकान) जा सकते हैं। नई सड़क से होते हुए दाल मंडी की ओर पड़ता है ताज होटल। ये दुकान 60 साल पुरानी है। यहां आपको authentic mughlai food मिलेगा। नॉनवेज के शौकीन दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं। अब चलिए हम आपको दूसरे स्वाद के अड्डे पर ले चलते हैं।
केरला कैफे
बनारस का केरला कैफे भी काफी मशहूर है, जो कि पड़ता है भेलुपुर क्रॉसिंग पर। ये दुकान 50 साल पुरानी है। इसकी शुरुआत केएस नायर ने की थी। यहां आपको साउथ इंडियन फूड से लेकर नॉर्थ इंडियन फूड तब का स्वाद मिलेगा। यहां की फ्राइड इडली काफी मशहूर है। यकीनन एक बार यहां आप जाएंगे, तो बार-बार यहां आने का मन करेगा।
बाबा ठंडाई
आइये आपको पिलाते है अब बनारस की मशहूर बाबा ठंडाई। बनारसी साड़ी, बनारसी पान और बनारसी ठंडाई...इसे तो पीना बनता है। यहां की पिस्ता ठंडाई के तो लोग दीवाने हैं।
बनारसी पान
बनारसी पान किसी पहचान का मोहताज नहीं। बनारस के पान की खासियत बताने के लिए अमिताभ बच्चन की फिल्म डॉन का फेमस गाना ‘खईके पान बनारस वाला.....’ काफी है। क्या देसी क्या विदेशी पर्यटक हर कोई बिना बनारसी पान को चखे, बनारस से लौटते नहीं हैं। सबकी पहली पंसद यहां का फेमस गुलकंद वाला पान है।