लखनऊ, एबीपी गंगा। सूबे के डीजीपी ओपी सिंह के रिटायरमेंट के मौके पर रिज़र्व पुलिस लाइन में रैतिक परेड का आयोजन हुआ। डीजीपी ओपी सिंह को उसी खास गाड़ी से परेड स्थल से ले जाया गया जिसे सिर्फ प्रदेश के डीजीपी की विदाई के समय ही निकाला जाता है। इस मौके पर डीजीपी ओपी सिंह ने अपने 37 साल के सेवाकाल को लेकर अनुभव साझा किये।


डीजीपी ओपी सिंह ने कहा की विश्व के सबसे बड़े पुलिस बल का नेतृत्व करने का जो अवसर मिला शब्दों में बयान नहीं कर सकता। यूपी पुलिस के लिए बीता वर्ष उपलब्धियों भरा। पुलिस मुख्यालय के नए भवन का उद्घाटन हुआ। लखनऊ और नोएडा में कमिश्नरी सिस्टम लागू हुआ। अब हमें दुनिया को दिखाना है कि पुलिस कमिश्नरी से कैसी सुविधाएं मिल रही और कैसा बदलाव आया। अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस का आयोजन यहां हुआ। 52 जनपदीय पुलिस लाइन्स में सब्सिडि वाली कैंटीन शुरू हुई।


कुंभ, अप्रवासी भारतीय सम्मलेन, लोकसभा चुनाव, इन्वेस्टर समिट जैसे सफल आयोजन हुए तो अयोध्या जैसा बड़ा फैसला भी आया। दुर्दांत अपराधियों के साथ मुठभेड़ में 5 साथी शहीद हुए जबकि 103 अपराधियों को मार गिराया। फर्रुखाबाद में कल रात बड़ा ऑपरेशन सफल हुआ। 21 बच्चों को सकुशल बचाया और अपराधी एनकाउंटर में मारा गया। लेकिन कितना भी बेहतर हो कुछ छूट ही जाता है। जो शेष रहा उसे आपको पूर्ण करना है। 37 साल की सेवा के बाद आज अच्छा भी लग रहा और ख़राब भी। अच्छा इसलिए की दो साल तक कर्तव्यनिष्ठा के साथ काम करते हुए इस प्रदेश की पुलिस व्यवस्था को प्रभावशाली नेतृत्व के साथ आगे बढ़ाया।


हितेश चन्द्र अवस्थी होंगे कार्यवाहय डीजीपी
वहीं, नए डीजीपी के नाम को लेकर अटकलों के बीच एक बार फिर विभाग को कुछ दिनों तक कार्यवाहक डीजीपी से काम चलाना पड़ेगा। डीजी विजिलेंस हितेश चंद्र अवस्थी को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है।