कानपुर, एबीपी गंगा। जहां सुप्रीम कोर्ट से लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम लगाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए चाहे प्रदूषण फैला रही फैक्ट्री पर कार्रवाई करना हो या फिर पराली जला रहे किसानों पर। इसके चलते यूपी में अधिकांश जनपदों में पराली जला रहे किसानों पर बड़े स्तर पर कार्रवाई हुई है। किसानों पर मुकदमा लिखने के साथ जुर्माना भी वसूला जा रहा है। बावजूद इसके किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। किसान बेखौफ होकर पराली जला रहे हैं। जिससे धुंआ फैल रहा है और तेजी से प्रदूषण भी बढ़ रहा है। ऐसा ही एक नजारा यूपी के जनपद कानपुर देहात में देखने को मिला। जहां किसान बेखौफ होकर खेतों में पराली को जलाकर नष्ट कर रहे हैं। वही जिला प्रशासन ऐसे किसानों पर कार्रवाई की बात तो कर रहा है लेकिन इसका असर देखने को नहीं मिल रहा है।


यह मामला है जनपद कानपुर देहात के सिकंदरा तहसील क्षेत्र के जगन्नाथपुर गांव का। जहां पर कई किसानों ने पहले तो धान की फसल को हार्वेस्टर से कटा दिया और फिर बाद में बेखौफ होकर खेतों में खड़े पराली को आग लगा दी। जो साफ तौर से सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना है। यही नहीं प्रदूषण भी बड़ी तेजी बढ़ रहा है। वही प्रशासन पराली जला रहे किसानों पर कार्रवाई किये जाने की बात कह रहा है। अब देखने की बात यह होगी कि कब किसान खेतों पर पराली जलाना बंद करेगा और कब पराली जला रहे किसानों पर जिला प्रशासन सख्त होगा।


वहीं जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की माने तो जिला प्रशासन ने किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाने के मामले की रोकथाम और किसानों को जागरूक करने के लिए एसएमएस को जरिया बनाया है। एसएमएस के माध्यम से किसानों को पराली जलाने से रोकने और इसका उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई किए जाने की जानकारी दी जा रही है। वहीं जिला प्रशासन ने फील्ड में काम करने वाले कर्मचारियों के माध्यम से भी पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम करने की सुविधा बनाई है। साथ ही लापरवाही बरतने पर कार्रवाई किये जाने की चेतावनी भी दी जा रही है।