राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान आंदोलनकारी किसानों की तरफ से कई जगहों पर भारी उपद्रव मचाए जाने के बाद इनसे जुड़े किसान संगठन अब खुद ही किनारा कर आंदोलन को खत्म करने का ऐलान कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली के पड़ोसी राज्य सरकारों की तरफ से भी इन प्रदर्शनकारियों को लेकर अब सख्ती बरती जा रही है. यूपी सरकार ने उन जगहों के डीएम को निर्देश है जहां किसानों का धरना चल रहा है, वहां प्रदर्शन स्थलों को खाली करवाएं. राज्य सरकार की तरफ से कहा गया है- किसानों से आग्रह है कि जहां जहां किसान धरने पर बैठे हैं, वे खुद ही आज खाली कर दें. सरकार उन्हें उनके घर जाने तक फ्री सर्विस भी देगी. गाजीपुर में भी बसें पहुंची हैं. गाजीपुर में अभी लगभग 1200 किसान मौजूद हैं. उधर, यूपी पुलिस ने गाजीपुर से प्रदर्शनकारी किसानों को हटने के लिए कहा है.
सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पुलिस ने गाजीपुर में बैठे आंदोलनकारी किसानों को वहां से हटने को कहा है. यूपी पुलिस की तरफ से इन लोगों को आज शाम तक का वक्त दिया गया है. जबकि, नोएडा-दिल्ली के जोड़ने वाले चिल्ली बॉर्डर से आंदोलनकारी किसान पहले ही अनशन खत्म कर वहां से उठ चुके हैं.
उधर, खट्टर सरकार ने आदेश में कहा है कि राज्य के तीन जिले- सोनीपत, पलवल और झज्जर में इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर लगी रोक को 28 जनवरी की शाम 5 बजे तक के लिए बढ़ा दी गई है.
गौरतलब है कि दिल्ली में भड़की हिंसा के बाद भारतीय किसान यूनियन का दूसरा धड़ा भानू ने आंदोलन को खत्म करने का ऐलान किया. बीकेयू (भानू) के अध्यक्ष ठाकुर भानू प्रताप सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान जो कुछ भी हुआ उनसे काफी दुख पहुंचा. इसके अलावा, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने भी आंदोलन को खत्म करने का बुधवार को ऐलान किया.
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