राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी ने किसान आंदोलन पर पहली प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बातचीत से समस्या का समाधान होना चाहिए.  राज्यसभा सांसद ने कहा कि हमारा स्टैंड पहले भी वही था आज भी वही है बातचीत से किसानों की समस्या का हल निकलना चाहिए. रालोद मुखिया ने कहा कि दुनिया की किसी भी समस्या का  बातचीत से समाधान हो सकता है.


बता दें किसानों की बड़ी तादाद दिल्ली की सीमाओं पर रुकी हुई है. उनकी मांग है कि एमएसपी पर कानून बनाया जाए और लखीमपुर खीरी कांड में मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए. इसके अलावा बिजली बिल अधिनियम 2020 से किसानों को मुक्त किया जाए.


उधर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने मांगों को मनवाने के लिए किसानों के 'तौर तरीकों' की बृहस्पतिवार को आलोचना करते हुए कहा कि वे आक्रमण करने जा रही एक सेना की तरह दिल्ली की ओर कूच करने की कोशिश कर रहे हैं.


उन्होंने बताया कि किसान सेना की तरह ट्रैक्टर ट्रॉली, अर्थ-मूवर और एक साल का राशन लेकर आगे बढ़ रहे हैं.


हमें उनके तरीके पर आपत्ति- खट्टर
खट्टर ने किसानों के ‘दिल्ली चलो’ के आह्वान पर कहा, 'हमें उनके तरीके पर आपत्ति है. हमें उनके दिल्ली जाने पर कोई आपत्ति नहीं है. ट्रेन, बस और उनके अपने वाहन हैं. लेकिन ट्रैक्टर परिवहन का कोई साधन नहीं है. यह एक कृषि उपकरण है.'


पंजाब के किसान अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली की ओर कूच करने के वास्ते शंभू और खनौरी सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं.


किसान नेताओं ने कहा कि वे केंद्र सरकार के साथ बैठक होने तक दिल्ली की ओर बढ़ने का कोई नया प्रयास नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि आगे की कार्रवाई केंद्र के प्रस्तावों के आधार पर तय की जाएगी.


खट्टर ने अब निरस्त किए जा चुके कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के पहले के आंदोलन का भी उल्लेख किया और कहा कि उन्होंने एक साल तक टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर डेरा डाला और कई लोगों को परेशानी पहुंचायी.