Mahoba News: महोबा में उस समय किसान सड़क पर आ गए जब सरकारी खरीद केंद्र में किसानों की मूंगफली उपज नहीं खरीदी जा रही थी. इसी बात को लेकर आक्रोशित किसान झांसी-मिर्जापुर हाईवे बीच सड़क पर बैठ गए और जाम लगा दिया. देखते ही देखते जाम के कारण छोटे-बड़े सैकड़ो वाहन सड़क में फंस गए. किसानों ने केंद्र प्रभारी पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया है. किसानों के जाम की सूचना पर एसडीएम, सीओ सहित कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची है जहां किसानों को समझाकर 4 घंटे बाद जाम खुलवाया जा सका.


पूरा मामला शहर कोतवाली क्षेत्र के पचपहरा गांव का है. जहां मंडी में संचालित पीसीएफ मूंगफली खरीद केंद्र में मूंगफली नहीं खरीदें जाने पर किसान भड़क उठे. पचपहरा के पीसीएफ गोदाम में 3500 क्विंटल का लक्ष्य के सापेक्ष 3430 क्विंटल मूंगफली खरीदी जा चुकी है. जबकि सैकड़ो की तादाद में किसान अपनी उपज बेचने के लिए खरीद केंद्र पर पिछले चार दिनों से अपनी बारी का इंतजार करता देखा गया. 


इस दौरान लक्ष्य पूरा होने का हवाला देकर खरीद केंद्र प्रभारी ने मूंगफली खरीदने से ही मना कर दिया जिससे किसान भड़क गए. किसान नेताओं की अगुवाई में बड़ी तादाद में किसान हाईवे पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे. आपको बता दें कि प्रशासन द्वारा किसानों की मूंगफली खरीदे जाने के लिए सरकारी खरीद केंद्र खोले गए हैं लेकिन इन खरीद केंद्रों में उपज आ आने के बाद भी दो माह देरी से खोला गया. उस पर भी किसानों की उपज लेने में हीला हवाली की जा रही है. देर से खरीद केंद्र खुलने का फायदा व्यापारियों ने उठाया है. 


यही वजह है कि छोटे काश्तकारों और किसानों ने अपनी मूंगफली को कम दामों में व्यापारियों को बेच दिया और अब यही व्यापारी अपने माल को सरकारी MSP पर खरीद केंद्र में बेचने के लिए पहुंच रहे हैं. जिसके चलते असल किसानों की उपज नहीं खरीदी जा रही. 


किसानों ने केंद्र प्रभारी पर लगाए गंभीर आरोप
किसानों का आरोप है कि, खरीद केंद्र में केंद्र प्रभारी द्वारा सांठगांठ कर व्यापारियों का माल खरीदा जा रहा है, जबकि किसान ट्रैक्टरों पर अपना माल लाकर बेचने के लिए लाइन पर खड़ा है. कई किसानों को खरीद के लिए टोकन भी दिए गए लेकिन अब उनकी उपज नहीं खरीदी जा रही. आरोप है कि आज जब किसान अपनी मूंगफली बेचने के लिए पचपहरा स्थित खरीद केंद्र पर पहुंचे तो केंद्र प्रभारी मनोज ने खरीद निर्धारित लक्ष्य पूरा होने की बात कहकर खरीद करने से मना कर दिया. इसी बात से भड़के किसान सड़क पर आ गए. 


किसान नेता बालाजी बताते हैं कि, व्यापारियों से सांठगांठ कर माल खरीदा जा रहा है और किसानों से मूंगफली खरीदने में केंद्र संचालकों को परेशानी हो रही है. क्योंकि उन्हें किसानों से कोई दलाली नहीं मिलेगी मगर व्यापारियों से लाभ लेने के लिए यह व्यापारियों का माल खरीद रहे हैं. यही वजह है कि जनपद की हर मंडी में बड़ी तादाद में व्यापारी स्टोर की गई मूंगफली बेचने के लिए पहुंच रहे हैं. इसी बात से आक्रोशित किसान सड़क पर हैं. किसान नेताओं ने साफ तौर पर कहा की समस्या का निदान नहीं हुआ तो फिर कलेक्ट्रेट में सभी ट्रैक्टर खड़े कर प्रदर्शन किया जाएगा.


झांसी-मिर्जापुर हाईवे पर बैठे किसानों ने नारेबाजी करते हुए जाम लगा दिया. जिसमें सैकड़ों छोटे बड़े वाहन फस गए. किसानों के जाम लगाए जाने की सूचना पर एसडीएम सदर जितेंद्र कुमार, सीओ दीपक दुबे, शहर कोतवाल अर्जुन सिंह सहित बड़ी संख्या में कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंच गई. किसानों ने इस दौरान नारेबाजी करते हुए हंगामा कर दिया. जिन्हें समझाने का प्रयास पुलिस ने किया है. किसानों का बढ़ता आक्रोश को देखते हुए सीओ सिटी दीपक दुबे ने किसानों को मानने और समझाने का प्रयास किया है.


एसडीएम ने किसानों के आरोपों को बताया गलत
एसडीएम सदर जितेंद्र कुमार ने बताया कि पचपहरा पीसीएफ में निर्धारित खरीद पूरी हो गई है. जिसके चलते ही आगे खरीद नहीं हो पा रही. इस निर्धारित खरीद को बढ़ाने के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा. वहीं उन्होंने इन आरोपों को गलत बताया कि खरीद केंद्र में व्यापारियों से माल खरीदा जा रहा है. इन शिकायतों को ही गंभीरता से लेते हुए लेखपाल की ड्यूटी यहां लगाई गई थी, जो खसरा खतौनी आदि देखकर किसानों की उपज की करवा रहे थे.


ये भी पढे़ं: गाजियाबाद में वकीलों की हड़ताल के बीच 8 दिनों में निपटे 2756 केस, लीगल एड डिफेंस काउंसलिंग बनी लोगों की ढाल