Delhi Farmers Protest: एमएसपी एक्ट बनाने और बिजली बिल अधिनियम 2020 को रद्द करने की मांग करने के लिए किसान आंदोलित हैं. उनका आंदोलन 13 फरवरी 2024, मंगलवार को शुरू हुआ. किसानों के आंदोलन पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादवने भी प्रतिक्रिया दी.


अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार पर आरोप लगाया. सपा नेता ने कहा कि जो लोग जो सरकार किसानों के नाम पर वोट लेना चाहती हो उसने वादे पूरे नहीं किए. अखिलेश यादव ने कहा कि दिल्ली की सरकार जान बूझ के किसानों की आवाज दबाना चाहती है. इन्होंने किसानों से किए वादे पूरे नहीं किए. सपा नेता ने पूछा कि किसानों को एमएसपी क्यों नहीं मिलनी चाहिए? 


सपा नेता ने कहा कि जो कुछ हो रहा है और जिस प्रकार की खबरें आ रही हैं कि आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं. किसानों को रोकने के लिए और आंदोलन खत्म करने के लिए कीलों के साथ-साथ दीवारें तक खड़ी की गई. प्रशासन के माध्यम से सरकार जो कर सकती थी कर रही है. दिल्ली की सरकार किसानों की आवाज को दबाना चाहती है. ये वही सरकार के लोग हैं जिन्होंने किसानों से कहा कि उनकी आय दोगुनी हो जाएगी, फसल की कीमत मिलेगी, MSP लागू करेंगे.'



सपा नेता ने इसके अलावा सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट भी किया. उन्होंने लिखा- 'भाजपा राज में ये है भला कैसा अमृतकाल किसानों पर आँसू गैस के गोलों की बौछार धिक्कार! धिक्कार!! धिक्कार!!!'



आंसू गैस के गोले छोड़े
उधर, हरियाणा पुलिस ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने की मांग कर रहे किसानों के दिल्ली कूच करने के बीच अंबाला के समीप शंभू में पंजाब से लगती सीमा पर लगाए अवरोधक तोड़ने की कोशिश करने वाले किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कुछ किसानों को शंभू सीमा के समीप हिरासत में भी लिया गया है.


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अधिकारियों ने बताया कि किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च में शामिल युवाओं के एक समूह ने अंबाला में शंभू सीमा पर लगाए अवरोधक तोड़ने की कोशिश की जिसके बाद हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. जब कुछ युवाओं ने लोहे के अवरोधक तोड़े और इसे घग्घर नदी पुल से फेंकने की कोशिश की तो पुलिस को आंसू गैस के कई गोले छोड़ने पड़े.


उन्होंने बाद में आंसू गैस का गोला गिराने के लिए एक ड्रोन का भी इस्तेमाल किया. किसानों ने फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी देने समेत अन्य मांगों को लेकर दो केंद्रीय नेताओं के साथ बैठक बेनतीजा रहने के बाद दिल्ली की ओर कूच करने का फैसला किया.