अयोध्या. नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को अयोध्या में भी समर्थन मिलता दिख रहा है. अयोध्या के किसान संगठन भी कहीं ना कहीं इस प्रदर्शन से सहमत हैं. इन किसानों का कहना है कि जिस तरह नए कानून में सरकार ने प्राइवेट कंपनियों के जरिए खेती की बात कही है. अगर प्राइवेट कंपनियां और किसानों के बीच किसी फसल को लेकर कोई दाम तय होता है और फसल पैदा होते समय उस चीज का दाम खुले बाजार में गिर गया तो वह कंपनियां किसानों से माल नहीं खरीदेंगी.
ऐसे में सरकार हर फसल का दाम निर्धारित करें और यह भी सुनिश्चित करें कि जिस दाम में फसल का दाम तय हुआ है प्राइवेट कंपनियां उसी रेट में तय हुआ सामान खरीदें इसके लिए चाहे तो सरकार ऐसी प्राइवेट कंपनियों पर दबाव बनाए या फिर सरकार निर्धारित मूल्य पर खुद उस फसल को खरीदें.
किसानों को फसल का रेट गिरने का डर
किसानों ने कहा कि आलू, गन्ना, गेंहू की भी तय कीमतें नहीं मिल रही हैं. किसानों ने कहा कि जो फसल का रेट हो उस फसल का हमको उचित रेट चाहिए. किसानों को डर है कि अगर उनकी फसलों का रेट गिर गया तो कोई उसे नहीं खरीदेगा.
कुछ किसानों ने सरकार से फसलों का रेट तय करने की मांग की. किसानों ने कहा कि उसी रेट पर किसानों की फसल खरीदी जाए.
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