लंबित मांगों को लेकर किसानों की नाराजगी बढ़ी, 8 मार्च को कलेक्ट्रेट पर महापंचायत का ऐलान
UP News: किसान संघर्ष मोर्चा ने किसानों की लंबित मांगों को लेकर 8 मार्च को कलेक्ट्रेट पर महापंचायत करने का ऐलान किया है. इसको लेकर किसान नेताओं ने बैठक कर सरकार से उनकी मांगों को पूरा करने को कहा है.

Uttar Pradesh News: ग्रेटर नोएडा में किसान संघर्ष मोर्चा ने किसानों की लंबित मांगों को लेकर 8 मार्च को कलेक्ट्रेट पर महापंचायत करने का ऐलान किया है. किसानों का कहना है कि प्रशासन और प्राधिकरण उनके मुद्दों को हल करने में लगातार उदासीनता दिखा रहे हैं, जिससे उनके बीच भारी रोष है. किसानों की कुछ प्रमुख मांगे हैं.
हाल ही में 6 जनवरी को किसान संघर्ष मोर्चा के नेताओं की मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई थी, जिसमें मुख्यमंत्री ने सभी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया था और हाई पावर कमेटी की सिफारिशें तुरंत लागू करने के निर्देश दिए थे. लेकिन किसान संगठनों का कहना है कि डीएम और प्राधिकरण के अधिकारियों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया.
भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष ने क्या बोला?
भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने कहा कि एनटीपीसी के किसानों की समस्याओं को सुलझाने के लिए डीएम की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बनाई गई थी, लेकिन अब तक उसने कोई निर्णय नहीं लिया. मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद भी प्रशासन और प्राधिकरण का रवैया उदासीन बना हुआ है, जिससे किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
किसानों की प्रमुख मांगें क्या हैं?
- हाई पावर कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाए.
- आबादी के मामलों और नए कानून को लेकर स्पष्ट नीति बनाई जाए.
- किसानों को 10% प्लॉट का हक दिलाने के लिए ठोस कार्रवाई हो.
किसान एकता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोरन प्रधान ने कहा कि हजारों किसानों के प्रदर्शन और मुख्यमंत्री से मुलाकात के बावजूद प्रशासनिक स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा ने कहा कि किसान संघर्ष मोर्चा के तीनों घटक संगठन किसानों की समस्याओं को लेकर बेहद गंभीर हैं. कई बार डीएम से मुलाकात के बावजूद कोई हल नहीं निकला, इसलिए अब 8 मार्च को कलेक्ट्रेट पर महापंचायत कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी.
बैठक में कई नेता शामिल रहे
आज हुई बैठक में जयप्रकाश आर्य, वीर सिंह नेताजी, कुंवरपाल प्रधान, सतीश यादव, दुर्गेश शर्मा, कृष्ण यादव, भोजराज रावल, प्रवीण चौहान, संदीप चौहान, अशोक भाटी, गुरप्रीत एडवोकेट, गोपी राम, ओमवीर पवार, धर्मेंद्र एडवोकेट समेत दर्जनों किसान नेता मौजूद रहे. अब 8 मार्च को यह देखना होगा कि प्रशासन किसानों की मांगों पर क्या रुख अपनाता है?
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