Lok Sabha Election 2024: केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के विरोध में किसानों ने खोला मोर्चा, BJP के फैसले पर का किया कड़ा विरोध
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि किसानों ने अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 102 के तहत उन पर मुकदमा चलाने और सजा सुनिश्चित करने की मांग की है.
Lok Sabha Election 2024: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने उत्तर प्रदेश की खीरी लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को मैदान में उतारने संबंधी बीजेपी के फैसले की सोमवार को निंदा की और किसानों से उनकी उम्मीदवारी के खिलाफ देशभर के गांवों में जुलूस आयोजित करने का आह्वान किया.
किसान टेनी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, जिनके बेटे आशीष ने अक्टूबर 2021 में लखीमपुर खीरी में प्रदर्शनकारी किसानों पर अपनी कार कथित तौर पर चढ़ा दी थी. एसकेएम ने एक बयान में कहा, ‘‘एसकेएम ने भाजपा द्वारा लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश की खीरी सीट से मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा टेनी के पिता एवं लखीमपुर खीरी में हुई घटना के मुख्य साजिशकर्ता अजय मिश्रा टेनी को उम्मीदवार बनाने का कड़ा विरोध जताया.’’
सजा सुनिश्चित करने की मांग
इसमें कहा गया है, ‘‘किसानों ने अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 102 के तहत उन पर मुकदमा चलाने और सजा सुनिश्चित करने की मांग की है, लेकिन मोदी सरकार गृह राज्य मंत्री को बचा रही है.’’ बयान के अनुसार, एसकेएम, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (सीटीयू) और अन्य संगठनों के संयुक्त मंच के साथ समन्वय में, भाजपा की इस ‘‘खुली चुनौती’’ का सामना करेगा और 14 मार्च को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली किसान मजदूर महापंचायत में अपनी रणनीति घोषित करेगा.
इसमें कहा गया है, ‘‘एसकेएम ने किसानों से खीरी सीट के लिए टेनी की उम्मीदवारी के खिलाफ और मोदी राज के तहत कॉर्पोरेट-आपराधिक सांठगांठ को उजागर करने के लिए देशभर के गांवों में मशाल जुलूस आयोजित करने का आह्वान किया है. विरोध की तारीख एसकेएम की संबंधित राज्य समन्वय समितियों द्वारा तय की जाएगी.’’ एसकेएम ने यह भी कहा कि 14 मार्च से पहले दिल्ली में कोई अन्य कार्रवाई का आह्वान नहीं किया जाएगा.
इसमें कहा गया है, ‘‘पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड, राजस्थान ,हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश के हिस्सों से किसान रामलीला मैदान में बड़े पैमाने पर भाग लेंगे. सुदूर राज्यों की राज्य समन्वय समितियों ने इस दौरान पदयात्रा और जिला/तहसील स्तरीय महापंचायत की योजना बनाई है.’’ एसकेएम ने देशभर के किसानों से महिला संगठनों और अन्य जन संगठनों के साथ समन्वय करते हुए आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की भी अपील की.