Farmers Protest: किसान जंतर-मंतर पर केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. सिंधु बॉर्डर से पांच बसों में किसान जंतर-मंतर पहुंचे हैं. हालांकि, जंतर-मंतर पर पहुंचने से पहले किसानों की पुलिस से नोकझोंक भी हुई. दरअसल, जैसे ही किसानों की बस दिल्ली में दाखिल हुई वैसे ही दिल्ली पुलिस ने सभी बसों को रोक दिया. बसों में बैठे किसानों के आई कार्ड चेक किए गए. पुलिस ने किसान नेताओं को सख्त हिदायत दी कि 26 जनवरी जैसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो. वहीं किसानों ने आरोप लगाया कि उन्हें तय समय पर दिल्ली पुलिस जाने नहीं दे रही है, विलंब कर रही है ताकि वह अपने समय पर जंतर-मंतर न पहुंच सके.
इन किसानों का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव के साथ संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी कर रहे थे. राकेश टिकैत व योगेंद्र यादव ने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से बातचीत की और काफी जद्दोजहद के बाद आखिर में किसानों को जंतर मंतर के लिए दिल्ली पुलिस अपने सुरक्षा घेरे के बीच लेकर रवाना हुई.
क्या बोले योगेंद्र यादव?
योगेंद्र यादव ने बताया कि जब पुलिस ने दो बार इन बसों को और जो किसान इस आंदोलन में शामिल होने के लिए जा रहे हैं उन्हें चेक कर चुकी है तो उसके बाद तीसरी बार चेक करने का क्या औचित्य है. योगेंद्र यादव ने कहा हमारा जो रूट प्लान है और जो हमारी तैयारी है हम उसी रूट पर ही जाएंगे. हमारे प्रत्येक किसान के पास उसका आईकार्ड है. सभी सदस्यों की जानकारी दिल्ली पुलिस को निकलने से पहले दे दी गई है. अगर हमारे किसानों के बीच में कोई उपद्रवी घुसता है या कोई अराजकता फैल आता है तो उसकी जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की होगी किसान या किसान नेताओं की नहीं.
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