Farmers Protest News: उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से किसान सोमवार को सरकार द्वारा अधिग्रहित अपनी जमीनों के उचित मुआवजे की मांग को लेकर दिल्ली कूच के लिए नोएडा-दिल्ली सीमा पर पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया. जिस पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक कृषि प्रधान देश में किसान का आंदोलित होना सरकार की सबसे बड़ी विफलता है.
दूसरी तरफ संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र को देखते हुए दिल्ली की ओर किसानों के इस विरोध मार्च को देखते हुए पुलिस ने कई अवरोधक लगाए थे, संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य शशिकांत ने मोर्चा के नेताओं ने सरकार के नरम पड़ने तक अपनी जायज मांगों के लिए दबाव बनाना जारी रखने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि किसानों की प्रमुख मांगों में भूमि अधिग्रहण अधिनियम-2013 के तहत भूमि अधिग्रहण से जुड़े किसानों के बकाए का भुगतान शामिल है. इसके तहत किसानों को सभी विकसित भूमि के 10 प्रतिशत भूखंड आवंटित करने का आदेश दिया गया था.
दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन
भारतीय किसान यूनियन के आगरा जिला अध्यक्ष राजवीर लवानिया ने कहा हम पूरी तैयारी के साथ है. अभी आंदोलन में आगरा से सिर्फ सौ किसान ही शामिल हुए थे लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो और भी किसान शामिल होंगे. वहीं किसान यूनियन संयुक्त मोर्चा अमरोहा इकाई के प्रमुख नरेश चौधरी ने कहा कि सरकार हमारी जमीनों का सही मूल्य नहीं दे रही है. हम सभी मांग कर रहे हैं कि इस विसंगति को ठीक किया जाए.
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता डॉ. रुपेश वर्मा ने दावा किया कि मोर्चा अबकी बार किसानों की मांगों को हर हाल में पूरी करवा कर वापस लौटेगा. उन्होंने बताया कि किसान अधिग्रहित जमीन के एवज में मिलने वाले सात प्रतिशत और पांच प्रतिशत भूखंड के बदले 10 प्रतिशत भूखंड आवंटन की मांग कर रहे हैं. उनकी मांगों में नये भूमि अधिग्रहण कानून के सभी लाभों को लागू करना भी शामिल है. उन्होंने कहा कि 10 फीसदी भूखंड आवंटन का मसला वर्षों से लंबित है.
अखिलेश यादव ने साधा निशाना
किसान आंदोलन को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी निशाना साधा और कहा कि एक कृषि प्रधान देश में किसान का आंदोलित होना सरकार की सबसे बड़ी विफलता है. सपा अध्यक्ष ने इस पोस्ट के साथ किसानों के हुजूम का एक वीडियो भी शेयर किया. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों को धोखा दिया है. किसानों से झूठे वादे किये, छल किया. भाजपा की नीतियां किसान विरोधी और पूंजीघरानों की पोषक हैं. भाजपा सरकार ने किसानों की जमीन और फसलों को लूटा है.
अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई है. फसलों की सही कीमत भी नहीं मिल रही है. देश के विभिन्न भागों में तमाम योजनाओं के लिए किसानों की जमीनों का अधिग्रहण होता है लेकिन सरकार उन्हें बाजार के अनुसार लाभप्रद कीमत नहीं देती है. भाजपा किसानों की जमीन छीन कर औद्योगिक घरानों को औने-पौने दामों पर दे देती है. उत्तर प्रदेश में किसानों का बुरा हाल है. लगातार बढ़ती महंगाई से खेती की लागत बढ़ गयी हैं. सरकार किसानों को खाद और बीज भी नहीं दे पा रही है.