Delhi Chalo Protest: देशभर की विभिन्न किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच सोमवार देर रात हुई बैठक मामलों को सुलझाने में विफल रही. इसके बाद किसानों ने घोषणा की कि वे विरोध प्रदर्शन करने के लिए मंगलवार सुबह 10 बजे राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करने की अपनी योजना पर कायम हैं. इसी बीच पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बड़ा बयान दिया है.
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सोशल मीडिया के जरिए पोस्ट कर लिखा, 'तानाशाही मोदी सरकार ने हठ का रवैया अपनाया हुआ है ओर किसानों की जायज़ मांगों को मानने से इंकार कर दिया है. जिससे दुःखी किसान आज़ फिर से किसान आंदोलन के जरिए अपनी मांगों को मनवाने के लिए दिल्ली आ रहे हैं. मैं प्रार्थना करता हूं कि प्रकृति अपने धरती पुत्रों को हिम्मत दे, बल दे, ऊर्जा दे और सबको सुरक्षित रखें.'
उनकी कुछ मांगें पूरी की जाएंगी
इससे पहले केंद्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने किया और इसमें कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा शामिल थे, जबकि पंजाब के मंत्री कुलदीप धालीवाल और राज्य सरकार के अधिकारी भी मौजूद थे. सूत्रों के मुताबिक, बातचीत थोड़ी आगे बढ़कर थम गई, क्योंकि किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी लेने पर अड़े हुए हैं. जबकि केंद्र ने पहले ही उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी कुछ मांगें पूरी की जाएंगी.
सूत्रों का कहना है कि किसान नेता तब तक पीछे हटने को तैयार नहीं हैं, जब तक कि कर्ज माफी और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी नहीं मिल जाती. प्रदर्शनकारियों और राशन से लदे ट्रैक्टरों के साथ हजारों किसानों के काफिले पंजाब और हरियाणा की सड़कों पर हैं, जो दिल्ली की ओर जाने के लिए तैयार हैं. हरियाणा पुलिस ने चारों प्रवेश मार्गों को सील कर दिया है. दिल्ली में विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है.