शामली: कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई को मजबूत बनाने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पंचायतों का दौर जारी है. बुधवार को शामली जनपद के कांधला क्षेत्र के गांव किवाना में गठवाला खाप के 11 गांव की एक पंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें किसानों की लड़ाई को मजबूती से लड़ने के लिए आगामी एक मार्च को गांव लिसाड़ में खाप से संबंधित गावों की महापंचायत आयोजित करने का ऐलान किया गया. इस पंचायत में कृषि कानून के विरोध में रणनीति को तैयार किया जाएगा.


कृषि कानून की लड़ाई अब बेहद नाजुक दौर में पहुंच गई हैं. एक और जहां केंद्रीय सरकार कृषि कानूनों को लागू करने पर अड़ी हुई है, वहीं किसान संगठन दिल्ली के चारों तरफ बैठे हुए हैं. साथ ही इस लड़ाई को मजबूती से लड़ने के लिए और गांवों में पहुंच रहे बीजेपी के मंत्री और विधायकों के खिलाफ रणनीति तैयार करने के लिए गांव-गांव में पंचायत का आयोजन किया जा रहा है.


हाल ही में शामली जनपद के गांव कुडाना में 10 गांव की पंचायत का आयोजन किया गया था. इसी क्रम में किवाना गांव में गठवाला खाप के 11 गांव की पंचायत हुई. पंचायत में कृषि कानून को काला बताते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सवित मलिक ने कहा की गठवाला खाप भारत से लेकर पाकिस्तान तक फैली हुई है. इसमें 1440 गांव शामिल है. जब सरकार के आश्वासन के बावजूद एक गन्ना मिल किसान को गन्ने का पेमेंट 14 दिन तो क्या 1 साल के अंदर नहीं दिला पाए तो ऐसे में सरकार किस तरह से किसान की फसल का पूंजीपतियों से उचित दाम दिलाएगी और किस प्रकार उपजिला अधिकारी किसानों की सुनवाई कर सकेंगे.


दूसरी ओर गठवाला खाप के बाबा राजेंद्र सिंह ने पंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि हम बीजेपी नेताओं का गांव में घुसने के विरोध का समर्थन नहीं करते, लेकिन कृषि कानून की लड़ाई को मजबूती से लड़ने के लिए हम अपने आप को मजबूत कर रहे हैं. खाप के सभी लोगों से बातचीत करने के बाद एक रणनीति तैयार की जाएगी. इसके लिए आगामी 1 मार्च को क्षेत्र के गांव लिसाड़ में महापंचायत बुलाई गई है.


यह भी पढ़ें:
Exclusive: केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान बोले- राकेश टिकैत का बयान ठीक नहीं, सरकार बातचीत को तैयार