शामली: उत्तर प्रदेश के शामली जिले में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने काला दिवस मनाया. भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के आह्वान पर किसानों ने प्रदर्शन करते हुए हाथों में काले झंडे लेकर अपना विरोध जताया. प्रदर्शन के दौरान किसानों ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की है.


दिल्ली की ओर कूच करेंगे किसान 
किसानों का कहना है कि पिछले कई माहीने से किसान धरने पर बैठे हुए हैं. और तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. लेकिन, सरकार किसानों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर ये तीनों कानून वापस नहीं लिए जाते हैं तो वो एक बार फिर बड़ी संख्या में दिल्ली की ओर कूच करेंगे. इस बार सरकार और किसानों के बीच आर-पार की लड़ाई होगी. किसानों का ये प्रदर्शन भाकियू जिला कार्यालय पर किया गया.


किसानों ने जताया विरोध 
बता दें कि, गत दिवस संयुक्त किसान मोर्चा ने आह्वान करते हुए किसान, व्यापारियों, मजदूरों को निर्देशित किया था कि वो 26 मई को अपने घरों, वाहनों सहित तमाम स्थानों पर काले झंडे लगाकर काला दिवस मनाएं. इस दौरान शामली में किसानों ने काला दिवस मनाते हुए सरकार को किसान विरोधी सरकार बताते हुए विरोध जताया.


मोदी सरकार किसान विरोधी है
किसान यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप पवार ने कहा कि मोदी सरकार किसान विरोधी है. दिल्ली के चारों तरफ किसान धरना दे रहे हैं जिन्हें 6 माह से अधिक का समय बीत चुका है. मगर सरकार को किसानों की कोई भी चिंता नहीं है. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो सरकार कृषि कानूनों को वापस ले नहीं तो जैसे बीते 26 जनवरी को किसानों ने दिल्ली में आंदोलन किया था इस बार कोरोना काल खत्म होते ही किसान उससे भी अधिक संख्या में दिल्ली का घेराव कर आंदोलन करेंगे. इस दौरान उन्होंने कहा कि जैसे भारतीय जनता पार्टी का पश्चिम बंगाल में सूपड़ा साफ हुआ है ऐसे ही आगामी चुनावों में भी जनता सबक सिखाएगी.


सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है
वहीं, किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित मलिक ने अपने घर के ऊपर काला झंडा लगाकर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की कोई भी बात मानने के लिए तैयार नहीं है. 6 महीने से लगातार दिल्ली में धरना चल रहा है. सरकार को किसानों की बात माननी चाहिए थी. लेकिन, सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है.


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