नोएडा: दिल्ली-नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर पिछले नौ दिन से भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर बैठे हुए हैं. सरकार द्वारा किसानों के प्रतिनिधिमंडल से हुई बातचीत में भारतीय किसान यूनियन के भी 4 सदस्य शामिल थे, लेकिन बातचीत विफल होने की वजह से किसान अभी भी चिल्ला बॉर्डर पर डटे हुए हैं. यही वजह है कि पिछले 9 दिन से दिल्ली जाने वाला रूट बाधित है और जो आम जनता है उसे खासी परेशानी हो रही है, लेकिन सरकार अब कल यानी 5 दिसंबर को फिर से किसानों के प्रतिनिधिमंडल से बात कर बीच का रास्ता निकालने का प्रयास करेगी.


9 दिनों से चिल्ला बॉर्डर पर बैठे हैं किसान


दिल्ली नोएडा के बॉर्डर पर किसान पिछले 9 दिन से अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं और यही वजह है कि दिल्ली जाने वाला रूट पिछले कई दिनों से बाधित है. किसानों का कहना है कि सरकार जब तक उनकी मांगे नहीं मानती है, वहां से हटने वाले नहीं है, क्योंकि अब किसान या तो अपनी मांगों को मनवा कर जाएगा या फिर ऊपर जाएगा.


पीछे हटने को तैयार नहीं 


एबीपी गंगा संवाददाता ने किसानों से बातचीत कर यह जानने की कोशिश की कि आखिरकार उनकी कौन सी ऐसी मांगे हैं जिसको मानने से सरकार पीछे हट रही है. किसानों ने कहा जब सरकार किसानों की हितैषी है और जो बिल लेकर के आई है, अगर वह बिल किसानों के हित में है तो फिर किसान सड़कों पर क्यों है और अगर किसान मांग कर रहा है तो उस बिल में संशोधन या उसे वापसी लेने में सरकार कतरा क्यों रही है, क्योंकि सरकार तो कहती है कि हम किसान हितैषी हैं, किसान विरोधी नहीं।.


बातचीत से यह स्पष्ट हो गया है कि किसान अब पूरी तरह से लामबंद हो चुके हैं और वह पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. यही वजह है कि किसानों ने साफ कह दिया तो सरकार उनकी बातें माने नहीं तो अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा.


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