बागपत: महापंचायत में लिए गए अहम फैसले, राकेश टिकैत के धरने को मजबूती देंगे किसान
बागपत में हुई महापंचायत में कई अहम निर्णय लिए गए. महापंचायत में कहा गया कि कुछ अराजक तत्व उनके आंदोलन को बदनाम करने की साजिश भी रच सकते हैं, इसलिए सावधान रहने की जरूरत है.
बागपत: बड़ौत तहसील ग्राउंड में महापंचायत में हजारों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और किसान पहुंचे. पंचायत में निर्णय लिया गया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश से किसान गाजीपुर बॉर्डर जाकर किसान नेता राकेश टिकैत के धरने को मजबूती देंगे. महापंचायत में कहा गया कि बागपत में 40 दिनों से चल रहे धरने को प्रशासन ने जबरन खत्म करवाया है. ये सरकार ने गलत किया है. वहीं, महापंचायत में ये भी कहा गया कि किसानों के जहां भी आंदोलन चल रहे हैं वो शांतिपूर्ण ढंग से चलाए जाएं और ये भी देखें कि आंदोलन को कोई बदनाम ना कर सके.
बदनाम ना हो आंदोलन महापंचायत में कई अहम निर्णय लेने के साथ ही राकेश टिकैत के आंसुओं पर भी चर्चा हुई. किसानों का आंदोलन बदनाम ना हो इसको लेकर भी किसानों को जागरूक किया गया. महापंचायत में कहा गया कि कुछ अराजक तत्व उनके आंदोलन को बदनाम करने की साजिश भी रच सकते हैं, इसलिए सावधान रहने की जरूरत है.
पीएम मोदी ने कई अच्छे काम भी किए हैं एबीपी गंगा ने महापंचायत में शामिल हुए युवा किसानों से भी बात की और जाना कि आखिरकार इस महापंचायत में जो निर्णय लिए गए हैं उसे युवा किसान किस नजर से देखते हैं. युवा किसानों ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई अच्छे काम भी किए हैं. कृषि कानूनों को किसानों के हित में ले जाएं यही उनसे गुजारिश है.
महापंचायतों का दौर शुरू गाजीपुर बॉर्डर पार किसान नेता राकेश टिकैत की आंखों में आंसू आने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में महापंचायतों का दौर शुरू हो गया है. पहली महापंचायत 29 जनवरी को मुजफ्फरनगर के जीआईसी ग्राउंड में हुई. उसके बाद 30 जनवरी को महापंचायत मथुरा में आयोजित की गई और 31 जनवरी को बागपत में महापंचायत कर ये संदेश देने की कोशिश की गई कि अब पश्चिमी यूपी के किसान कृषि कानून के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं. सोमवार को बिजनौर के आईटीआई ग्राउंड में भी महापंचायत बुलाई गई है जिसका नेतृत्व आरएलडी के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी करेंगे.
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