Farmers Protest in Dankaur: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर ग्रेटर नोएडा के दनकौर रेलवे स्टेशन पर 100 से अधिक किसानों ने पहुंचकर रेल का चक्का जाम किया. हालांकि, प्रशासन के समझाने बुझाने पर करीब 10 मिनट बाद किसान रेलवे ट्रैक से हटे. भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले सैकड़ों किसानों ने दनकौर रेलवे स्टेशन पहुंचकर मालगाड़ी को करीब 10 मिनट तक और रोक कर रखा. हालांकि प्रशासन के समझाने बुझाने पर किसानों से 10 मिनट बाद रेल को जाने दिया. वहीं, एबीपी गंगा ने किसानों से बातचीत के दौरान भी पूछा कि, ट्रेन पहुंचने से सबसे ज्यादा आम जनता को परेशानी होगी तो ऐसे में आम जनता के बारे में किसान क्यों नहीं सोच रहे हैं, तो किसानों ने कहा आम जनता के दुश्मन नहीं और ना ही आम जनता सरकार के दुश्मन है. लेकिन आम जनता को भी सोचना होगा कि, आखिरकार 10 महीने से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद भी किसान दिल्ली की सीमाओं पर क्यों बैठे हैं, सरकार उनकी क्यों नहीं सुन रही है?
किसानों की चेतावनी, आगे और उग्र होगा आंदोलन
किसानों का कहना था कि, लखीमपुर खीरी की घटना निंदनीय है, लेकिन सरकार इस घटना में अपने मंत्री को बचाने का काम कर रही है. लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा यह स्पष्ट करना चाहता है कि, जब तक मंत्री बर्खास्त नहीं होगा, तब तक किसानों का आंदोलन इसी तरह से जारी रहेगा. किसानों ने कहा कि, 26 तारीख को लखनऊ में एक बड़ी महापंचायत है, जिसको लेकर अभी से तैयारी शुरू हो गई है. आज रेल लोको प्रदर्शन था. 26 तारीख को महापंचायत होगी उसके बाद अगर तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा से इस्तीफा नहीं दिया जाता तो यह आंदोलन आगे और उग्र रूप धारण करेगा.
पुलिस और पीएसी तैनात की गई
फिलहाल किसानों के इस प्रदर्शन को देखते हुए सुबह से ही पुलिस और पीएसी के जवानों के साथ-साथ भारतीय और आरएएफ के जवानों को तैनात किया गया था और शायद यही वजह है भारी तादाद में फोर्स को देखकर किसान उग्र नहीं हुए.
ट्रैक पर हुक्का लेकर बैठे किसान
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने दनकौर रेलवे स्टेशन पर दोबारा तीन बजे दिल्ली से अलीगढ़ चलने वाली एएमयू ट्रेन को रोक ट्रैक पर हुक्का लेकर बैठे किसानों ने कहा, अगर सरकार जल्द ही किसानों की मांग नहीं मानती तो आगे आंदोलन और उग्र होगा. ट्रेन के रुकने से यात्रियों को भी परेशानी हुई.
गौतम बुद्ध नगर जिले के दनकौर रेलवे स्टेशन पर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने ट्रेन रोककर ट्रैक पर बैठ कर प्रदर्शन किया. करीब 15 मिनट तक किसानों ने ट्रेन को रोक कर रखा. इस दौरान ट्रेन में बैठे यात्री ट्रेन के बाहर आ गए और उन्होंने ट्रेन रोकने को गलत ठहराया. उनका कहना था किसानों को सरकार से लड़ना चाहिए ट्रेन रोककर आम जनता को क्यों परेशान कर रहे हैं? वहीं कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने किसानों के दर्द को समझते हुए कहा कि, किसान क्या करें, वो मजबूरी में ट्रेन रोक रहे हैं.
सरकार को दी चेतावनी
आपको बता दें कि, किसानों ने ट्रेन को रोककर हुक्का लेकर ट्रैक पर बैठ गए और जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि जल्द ही सरकार ने किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया तो आगे किसानों का आंदोलन और उग्र होगा और उसकी जिम्मेदारी सरकार के कंधों पर होगी. क्योंकि किसान पिछले 11 महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन सरकार है कि, किसानों की समस्याओं को सुनने के लिए तैयार नहीं है.
किसानों ने लखीमपुर खीरी की घटना का हवाला देते हुए कहा कि, सरकार अपने नुमाइंदों को बचाने की कोशिश कर रही है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा लखीमपुर खीरी प्रकरण में 120बी के आरोपी हैं, ऐसे में उनके पद पर बने रहने से जांच प्रभावित हो सकती है, इसलिए उनका इस्तीफा लेना बेहद जरूरी है. लेकिन सरकार अपने मंत्री का इस्तीफा लेने के बजाय उसे बचाने का काम कर रही है.
लखनऊ में होगी महापंचायत
वहीं, किसानों ने अपनी अगली रणनीति साफ करते हुए कहा कि, 26 अक्टूबर को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर लखनऊ में एक महापंचायत का आयोजन किया गया है, जिसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों से किसान इस महापंचायत में शामिल होने के लिए पहुंचेंगे और इस महापंचायत की गूंज लखनऊ में बैठी सरकार और केंद्र में बैठी सरकार के कानों तक पहुंचेगी और उसके बाद भी अगर सरकार नींद से नहीं जागी तो किसानों का आंदोलन दूसरे ट्रैक पर जाने को मजबूर होगा.
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