सीतापुर: कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन के समर्थन में किसान संगठनों के आह्वान पर गुरुवार को सीतापुर में सैकड़ों काश्तकारों ने ट्रैक्टर मार्च किया. जिले के ग्रामीण इलाकों से भारी संख्या में काश्तकार अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के संग जिला मुख्यालय पहुंचे. इसी बीच सीतापुर जिला और पुलिस प्रशासन ने उन्हें हर गांव और रामकोट में रोकने का प्रयास किया. इससे पहले रात से ही किसान नेताओं के घरों पर पुलिस की दबिश का दौर शुरू हो गया. झरेखापुर के पास रोके जाने से सीतापुर जिला मुख्यालय पर मिलेट्री ग्रॉस फार्म पर ट्रैक्टर के साथ इकट्ठा हुए सिक्ख किसानों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और सरकार विरोधी जमकर नारे भी लगाए.
किसानों से हुई झड़प
हरगांव में किसानों ने रोड भी जाम कर दिया लेकिन किसानों ने कहा कि वह ट्रैक्टर से शांति पूर्ण रैली निकाल रहे थे तभी हरगांव पुलिस ने रास्ते में ही गाड़ी खडी कर हमें रोक दिया और रोड जाम करने का आरोप हम किसानों पर लगा दिया. प्रशासन ने पहले से ही आरएमपी मोड़ के पास बैरिकेटिंग लगा दिया था जिससे कि किसान शहर में ना सके. एक दौर ऐसा भी आया कि आंदोलनकारी ट्रैक्टर के साथ सीतापुर-लखनऊ हाईवे जाम करने की तैयारी करने लगे, प्रशासन और पुलिस भी उनसे निपटने को तैयार हो गई. झड़प की नौबत आती, कि इससे पहले संदेशा आ गया कि झरेखापुर में रोके गए किसान नेता को छोड़ दिया गया है और एसडीएम सदर अमित भट्ट लेकर पहुंच रहे हैं.
एसडीएम को दिया विज्ञापन
इधर, आंदोलनकारियों की हर गतिविधियों पर सिटी मजिस्ट्रेट शिशिर कुमार, सीओ सिटी पीयूष कुमार सिंह, कोतवाल टीपी सिंह, तालगांव कोतवाल अजय कुमार मय फोर्स मुस्तैद रहे, आखिर में तय हुआ कि आंदोलनकारी किसानों का बहुगुणा चौराहे पर ज्ञापन लिया जाएगा, जहां पहुंचने के बाद फिर एक बार आंदोलनकारी नगर में जाने की जिद करने लगे, वो बार-बार यह मांग कर रहे थे, कि उन्हें लालबाग चौराहे तक जाने दिया जाए, लेकिन प्रशासन ने पहले उन्हें आरएमपी मोड के पास बैरिकेटिंग कर उनका रूट बहुगुणा चौराहे की तरफ डाइवर्ट कर दिया, फिर बहुगुणा चौराहा से बाई पास हाइवे की तरफ जाने की इजाजत दे दी. किसानों ने अपना ज्ञापन बहुगुणा चौराहा पर एसडीएम सदर अमित भट्ट को दिया.
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