फर्रुखाबाद, एबीपी गंगा। फर्रुखाबाद में आखिरकार करीब 7 घंटे तक चले लंबे ऑपरेशन के बाद यूपी पुलिस ने 23 मासूम बच्चों की जिंदगी को बचा लिया है। 11 घंटे तक बच्चों की जिंदगी खौफ में कैद रही। फर्रुखाबाद के गांव करथिया में एक सिरफिरे ने जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने के नाम पर घर में बुलाया और फिर उन्हें बंधक बना लिया। जब बच्चों के बंधक बनाए जाने की सूचना पुलिस को मिली तो सिरफिरा गोली चलाने लगा। जिसके बाद बच्चों को बचाने के लिए गुरुवार दोपहर ढाई बजे से पुलिस का ऑपरेशन शुरू हुआ और रात करीब डेढ़ बजे सिरफिरे सुभाष बाथम की मौत के ये ऑपरेशन खत्म हुआ। बताया जा रहा है कि इस दौरान सुभाष की पत्नी भी उसके साथ मौजूद थी। बता दें कि बच्चों को कैद करने की बात खुद सुभाष ने घर की छत पर आकर सबको दी। यह पूरी घटना मोहम्मदाबाद इलाके के गांव करथिया की है।
सिरफिरे सुभाष की पत्नी की भी मौत
वहीं, सिरफिरे सुभाष की पत्नी भी इस बंधक कांड में शामिल थी। इसलिए गांव वालों का गुस्सा उसपर भी निकला। उन्होंने महिला की जमकर पिटाई कर दी। पुलिस ने जैसे-तैसे उसे महिलाओं के चंगुल से बचाया और घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसने दम तोड़ दिया। बता दें कि सिरफिरे सुभाष की एक साल की बच्ची है, जिसे स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षित जगह पहुंचा दिया है। करीब 11 घंटे चले इस ऑपरेशन में 5 पुलिसकर्मी समेत 6 लोग घायल हो गए हैं। वहीं, सुभाष के घर से भी भारी मात्रा में गोला बारूद बरामद हुआ है। उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ऑपरेशन को सफल रूप देने वाली पुलिस की टीम के लिए 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है।
आपको बता दें कि गांव के ही सुभाष बाथम ने गुरुवार दोपहर 3.30 बजे गांव की सात वर्षीय खुशी, छह वर्षीय मुस्कान, चार वर्षीय आदित्य, आठ वर्षीय रोशनी, पांच वर्षीय अरवी, आठ वर्षीय लक्ष्मी, बृजकिशोर, आकाश समेत 23 बच्चों को अपनी एक वर्षीय बेटी के जन्म दिन का झांसा दे घर में बुलाकर बंधक बना लिया। काफी देर तक बच्चों के घर न लौटने पर उनके परिजनों सुभाष के घर पहुंचे तो उसने फायरिंग कर दी। इससे भगदड़ मच गई। सूचना पर कोतवाली प्रभारी राकेश कुमार, यूपी 112 की टीम वहां पहुंची। पुलिस ने जब घर के भीतर घुसने का प्रयास किया तो अंदर से सुभाष ने हथगोला फेंक दिया। इससे कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार, यूपी 112 के दीवान जयवीर सिंह, सिपाही अनिल कुमार घायल हो गए। अन्य थानों की फोर्स के साथ स्वाट टीम ने पहुंचकर मकान की घेराबंदी कर ली। करीब 7 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद सभी बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया है, जबकि सिरफिरा मारा गया है।
ग्रामीणों के अनुसार सुभाष को पुलिस ने तीन महीने पहले चोरी के मामले में गिरफ्तार किया था। वह डेढ़ महीने पहले जेल से छूट कर आया था। वो अपनी ऊपर लगे सभी केसों को खत्म करना चाहता था, जिसके लिए दबाव बनाने के चलते उसने बच्चों को बंधक बना लिया था।
- सिरफिर अपराधी सुभाष बाथम ने गुरुवार (30 जनवरी) शाम करीब 3 बजे अपनी बच्ची के जन्मदिन के बहाने 23 बच्चों को घर बुलाकर बंधक बना लिया था।
- करीब 7 घंटे तक चले लंबे ऑपरेशन के बाद पुलिस ने रात करीब 1 बजे सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला।
- सीएम योगी आदित्यनाथ खुद इस ऑपरेशन पर नजर रखे हुए थे, उन्होंने इसे 'ऑपरेशन मासूम' का नाम दिया।
- जिन बच्चों को बंधक बनाया गया था उसमें- आरती पुत्री आनंद, सोनी, रोशनी पुत्री सत्यभान, अरुण, अंजली, लवी पुत्र नरेंद्र, भानु पुत्र मदनपाल, खुशी, मुस्कान, आदित्य पुत्र पंछी, विनीत पुत्र रामकिशोर, पायल, प्रिंटर पुत्र नीरज, प्रशांत, अक्षय पुत्र अरुण, गौरी पुत्री लालजीत, सोनम, नैनसी पुत्री मुकेश, आकाश, लक्ष्मी पुत्री ब्रजकिशोर , लवकुमार, शबनम पुत्री आदेश, गंगा, मुकेश का भांजा कृष्णा के अलावा जुमना पुत्री आशाराम शामिल थी।
- बच्चों को बचाने के लिए चलाए गए 'ऑपरेशन मासूम' को आईजी मोहित अग्रवाल ने लीड किया था।
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