कैसे 14 साल की अंजलि बनी फर्रुखाबाद बंधक कांड की हीरो, आज CM योगी करने जा रहे हैं सभी 23 मासूमों को सम्मानित
CM योगी आज फर्रुखाबाद बंधक कांड के सभी 23 मासूमों को सम्मानित करेंगे। साथ ही, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों सहित कुल 60 लोगों को सम्मानित किया जाएगा। क्या था farrukhabad hostage case, जानिए शुरू से लेकर अंत तक।
फर्रुखाबाद, एबीपी गंगा। फर्रुखाबाद में बंधक बनाए गए 23 बच्चों को सम्मानित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभी 23 बच्चों और पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों सहित 60 लोगों को सम्मानित करेंगे। इसके लिए सड़क मार्ग के माध्यम से सभी बच्चे, अधिकारी व पुलिसकर्मी लखनऊ पहुंचेंगे। बता दें कि यूपी के फर्रुखाबाद में 30 जनवरी को ऑपरेशन 'मासूम' को यूपी पुलिस ने सफलापूर्वक खत्म कर सभी 23 मासूमों को सुरक्षित सिरफिरे के चंगुल से बचाया था। इस ऑपरेशन के दौरान सिरफिरा सुभाष बाथम एनकाउंटर में मारा गया था।
ये घटना फर्रुखाबाद के करथिया गांव की थी। सुभाष के अलावा उसकी पत्नी रूबी की भी मौत हो चुकी है। सुभाष की इस दहशतगर्दी में रूबी ने भी उसका साथ दिया था। जिसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने रूबी को पीट-पीटकर घायल कर दिया था, अस्पताल ले जाते वक्त उसने दम तोड़ दिया था। करीब 11 घंटे तक चले लंबे ऑपरेशन के बाद सभी 23 घंटों को सुरक्षित बाहर निकालने में सफलता प्राप्त हुई थी। सुभाष और रूबी की मौत के बाद उनकी सालभर की बेटी गौरी अनाथ हो गई है, कानपुर आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने गोद लिया है। बच्ची की देखरेख की जिम्मेदारी अब आईजी खुद उठाएंगे।
फर्रुखाबाद बंधक कांड
बता दें कि 30 जनवरी को सिरफिर सुभाष बाथन ने अपने मोहल्ले के 23 बच्चों को अपने घर बर्थडे पार्टी के बहाने बुलाकर बंधक बना लिया था। जब गांववालों ने बच्चों को घर भेजने को कहा, तो आरोपी ने अंदर से फायरिंग करने शुरू कर दिया। घटना की सूचना पुलिस टीम को मिली, तो मौके पर पहुंचकर उन्होंने सिरफिरे के घर को घेर लिया। इस घटना से पूरे देश में सनसनी फैल गई थी। पुलिस ने करीब 11 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ऑपरेशन मासूम के तहत एनकाउंटर में सिरफिरे सुभाष को मार गिराया और सभी बच्चों को सुरक्षित उनके माता-पिता को सौंप दिया। इस घटना के बाद भागने का प्रयास कर रही सुभाष की पत्नी रूबी को गांव वालों ने मिलकर खूब पीटा। जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गई। अस्पताल ले जाते वक्त उसने दम तोड़ दिया। इस पूरे ऑपरेशन को सीएम योगी आदित्यनाथ खुद मॉनिटर भी कर रहे थे।
बताया जा रहा है कि इस कांड के दौरान 14 साल की बेटी अंजलि ने बहादुरी का परिचय देते हुए सिलेंडर बम का तार काटकर सभी बच्चों की जान बचाई थी। सीएम योगी अंजलि को भी सम्मानित करेंगे। साथ ही, उसके नाम को बाल शक्ति पुरस्कार के लिए भी नामित करने का ऐलान किया गया है। ये पुरस्कार राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है।
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