Independence Day: फर्रुखाबाद का वो खास 'कुटीर', जहां स्वतंत्रता सेनानियों संग रणनीतियां बनाते थे पंडित नेहरू
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में एक खास कुटीर है जहां कभी देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू आजादी की रणनीतियां बनाया करते थे.
UP News: आज़ादी की याद आते ही फर्रुखाबाद (Farrukhabad) शहर के कई लोगों के नाम जुबां पर आ जाते हैं. उन्हीं में से एक नाम है लाला लालमणि गुप्ता (Lala Lalmani Gupta) का जो कोतवाली फर्रुखाबाद के मोहल्ला चिंतामणि के रहने वाले थे जिन्होंने देश की आजादी के लिए बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. रोडवेज बस स्टैंड के पास उन्होंने स्वराज कुटीर (Swaraj Kuteer) के नाम से एक भव्य पार्क का निर्माण कराया था. स्वराज कुटीर की स्थापना 1921 में आज़ादी के दीवानों ने की थी. उस समय यह स्थान शहर के बाहर एक वीरान स्थल था जहां बड़ी संख्या में पेड़ थे. इस एकांत स्थान पर कुछ कमरों का निर्माण लाला लाल मणि गुप्ता ने कराया था. इस स्थान पर स्वतंत्रता सेनानी रुक कर देश को आजाद कराने की रणनीति बनाते थे.
जवाहर लाल नेहरू संग बनाते थे रणनीतियां
स्वतंत्रता सेनानी लालमणि गुप्ता इसी स्थान पर बैठकर जवाहरलाल नेहरू, गोविंद बल्लभ पंत, विजय लक्ष्मी पंडित, आचार्य कृपलानी और कैलाश नाथ काटजू जैसे आजादी के दीवनों के साथ बैठक किया करते थे. लालमणि गुप्ता के पड़पोते कपिल गुप्ता (40) बताते हैं कि वह हर समय देश आजाद कराने की ही बात किया करते थे कई बार आजादी के लिए जेल गए अंग्रेजों ने उन्हें काफी यातनाएं दी थीं, लेकिन अंग्रेज उनके देश आजादी के जज्बे को कम नहीं कर पाए. वह कुटीर को हमेशा हरा भरा रखने का प्रयास किया करते थे, उन्होंने कहा, 'बाबा हमेशा कहते थे कि मेरे ना रहने के बाद मेरे इस रमणीक भव्य पार्क स्वराज कुटीर की देखभाल मेरी तरह की जाए इसलिए मैं बाबा के सपने स्वराज कुटीर के अंदर फुलवारी की मन से सेवा करता हूं.'
आज यह स्थान देश की आज़ादी को याद दिलाता है और नई पीढ़ी को आज़ादी का इतिहास बताता है. इस स्थान से आज़ादी की यादें जुड़ी हैं. इन यादों को इतिहासकार आज भी संजोए है. इतिहासकार डॉक्टर रामकिशन राजपूत बताते हैं कि देश की आजादी के लिए फर्रुखाबाद के कई लोगों ने शहादतें दी हैं. कई लोग फांसी के फंदे पर आजादी के लिए झूले हैं.