Farrukhabad News: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद से एक ऐसी खबर सामने आई है जो इन दिनों चर्चा का विषय बानी हुई है, दरअसल, फर्रुखाबाद के शमसाबाद इलाके में रहने वाले आसिफ अली ने रमजान के पाक महीने में रोजा रखकर नवरात्रि के मौके पर कन्या पूजन कराया. इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर कन्याओं को उपहार में कापी, पेन, केला और बिस्कुट आदि खाद्य सामग्री भी भेंट की. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस्लाम की मान्यता है कि बेटी और मां के पैरों में जन्नत है.


टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी एक खबर के अनुसार, डॉ. आसिफ अली खान ने कहा कि वे भारतीय परंपराओं के वाहक हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने केवल पूजा करने का तरीका बदला है, जबकि परम्पराएं अभी भी वैसी ही हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने इस्लाम के आदेश और अपनी परंपराओं को मानते हुए ही कन्या पूजन किया है. इसके साथ ही उन्होंने नीतियों की रक्षा करने और उन्हें आगे बढ़ने में हमेशा साथ देने का भी संकल्प लिया.  डॉ. आसिफ अली खान के द्वारा उठाए गए कदम की हर जगह तारीफ भी की जा रही है. जानकारी के अनुसार, डॉ. आसिफ मूलरूप से अलीगढ़ जिले के रहने वाले हैं. वह यहां काफी समय से रह रहे हैं. वे यहां एक क्लिीनिक चलाते हैं. कन्या पूजन के मौके पर कई लोग शामिल भी हुए.


जानें- अष्टमी के दिन क्या करते हैं?


बता दें कि अष्टमी के दिन स्नान कर साफ़ कपड़े पहनते हैं. उसके बाद दुर्गा अष्टमी व्रत करने और मां म​हागौरी की पूजा करने का संकल्प लेते हैं. इसके बाद पूजा स्थान पर मां महागौरी या दुर्गा जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करते हैं. यदि कलश स्थापना किया है, तो वहीं बैठकर पूजा करते हैं. मां महागौरी को सफेद और पीले फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है. नारियल का भोग लगाते हैं. कहा जाता है कि ऐसा करने से देवी महागौरी प्रसन्न होती हैं. नारियल का भोग लगाने से संतान संबंधी समस्या दूर होती हैं. अंत में मां महागौरी की आरती करते हैं और कन्या पूजन भी करते हैं. 


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