Farrukhabad: फतेहगढ़ जेल के कैदी अब करेंगे कमाई, सरकार के इस कदम से हर दिन मिलेंगे इतने रुपये
UP News: डीजी जेल आनंद कुमार ने कहा कि CM योगी के प्रयास का असर है कि प्रदेश में बेरोजगारी दर वर्ष 2016 में 18 प्रतिशत थी, जो घटकर अप्रैल 2022 में 2.7 प्रतिशत ही रह गई है.
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश सरकार (UP government) एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत फर्रुखाबाद (Farrukhabad) जिले की फतेहगढ़ कारागार (Fatehgarh Jail) के महिला और पुरुष बंदियों को स्वावलंबी बनाने के लिए ब्लॉक प्रिंटिंग कला का प्रशिक्षण दे रही है. कारागार महानिदेशक (डीजी जेल) आनन्द कुमार ने एक बयान में कहा कि ओडीओपी योजना (ODOP) के तहत फतेहगढ़ जेल के महिला और पुरुष कैदियों को ब्लॉक प्रिंटिंग का प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है, जिसमें वह रामनामी, राधे-राधे, ओम नम: शिवाय की छाप के छपे पटके, दुपट्टे और गमछे तैयार कर रहे हैं, और इन चीजों को अयोध्या, मथुरा, वाराणसी और चित्रकूट समेत प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों पर बिक्री के लिए भेजा जाएगा. कुमार के अनुसार इसके साथ ही फर्रूखाबाद में गंगा के तट पर लगने वाले रामनगरिया मेले में भी इनकी बिक्री की जायेगी.
40 रुपये प्रतिदिन पारिश्रमिक
बयान के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) प्रदेश के हर वर्ग को रोजगार, स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित हैं और उनका यह संकल्प साकार भी हो रहा है. बयान में कहा गया है कि योगी के प्रयास का असर है कि प्रदेश में बेरोजगारी दर वर्ष 2016 में 18 प्रतिशत थी, जो घटकर अप्रैल 2022 में 2.7 प्रतिशत ही रह गई है. कुमार ने बताया कि इस कार्य के लिए कैदियों को 40 रुपये प्रतिदिन पारिश्रमिक दिया जाएगा. उनके अनुसार इसके अलावा बाजार में इनकी बिक्री से होने वाली आय के लाभ के 10 प्रतिशत हिस्से को सरकारी खाते में जमा किया जाएगा और इसके बाद बाकी मुनाफे को उनके बीच बांट दिया जाएगा.
दिया जाएगा प्रमाण पत्र भी
डीजी जेल ने बताया कि फतेहगढ़ की 12 महिला कैदियों को आईटीआई की ओर से प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जबकि गौतम बुद्ध डवलपमेंट सोसायटी संस्थान की ओर से 35 पुरुष कैदियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में फतेहगढ़ में 39 महिला कैदी हैं जिसमें से 12 महिला कैदी ही प्रशिक्षण प्राप्त करने के लायक हैं. बयान के अनुसार शेष महिला कैदी काफी बुजुर्ग होने की वजह से प्रशिक्षण लेने में सक्षम नहीं हैं. इसी तरह 1050 पुरुष कैदी हैं जिनमें से पहले चरण में 35 कैदियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. पहले चरण के कैदियों का प्रशिक्षण पूरा होते ही चरणबद्ध तरीके से अन्य कैदियों को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा. कैदियों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाएगा.