UP News: यूपी के फतेहपुर (Fatehpur) जिले में कुएं का खो रहा अस्तित्व, जल संरक्षण (water conservation) और जल स्रोतों को संरक्षित करने के लिए वर्षों से कूप विवाह (Coup Vivah) की अनूठी प्रथा चलाई जा रही है. इस प्रथा में कुओं का विधि विधान से मंत्रोच्चारण के साथ विवाह किया जाता है. इस परंपरा का असर भी देखने को मिला कि तालाब और कुएं में पानी कभी नहीं सूखता है.


अस्तित्व को बचाने का प्रयास
फतेहपुर जिले के जहानाबाद स्थित गढ़वा गांव में कूप विवाह की प्रथा सदियों से चली आ रही है. जिसके माध्यम से लोगों को जल संरक्षण और जल की महत्ता के साथ कुएं के खो रहे अस्तित्व को बचाने के बारे में बताया जाता है. कार्यक्रम के संबंध में जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक रामस्वरूप दिवाकर ने बताया कि जल संरक्षण और जल स्रोतों के संरक्षण के लिए हमारे गांव में सदियों से कूप विवाह की प्रथा चली आ रही है. जिसमें पूरे विधि विधान के साथ कूप विवाह किया जाता है. जिसमें सारी रस्में-रिवाज के साथ विवाह संपन्न किया जाता है.


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सरकार से की मांग
कार्यक्रम संयोजक ने कहा कि लोगों को जल संरक्षण के बारे में जागरूक करने के साथ-साथ जल संरक्षण प्राकृतिक जल स्रोतों की महत्ता के बारे में भी कार्यक्रम के माध्यम से जानकारी दी जाती है. कुएं के खो रहे अस्तिव को लेकर प्रदेश सरकार से मांग किया है कि इसके लिये भी योजना बनाई जाए, जिससे कुएं को बचाया जा सके. कूप विवाह में ग्रामीण भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. जल और प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण के प्रति संकल्प लेते हैं. बैंड बाजा के बारात निकाली जाती हैं, जिसमें गांव के लोग नाचते गाते कुएं और तालाब की पूजा करते हैं.


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