UP News: फतेहपुर जिले की डीएम (Fatehpur DM) अपूर्वा दुबे के आवास में पाली गई गाय की तबियत खराब होने के बाद पशु चिकित्सा विभाग द्वारा डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई थी. जिसका एक सरकारी आदेश भी व्हाट्सएप (WhatsApp) ग्रुप में शेयर किया गया. जिसके बाद ग्रुप में जुड़े किसी सरकारी कर्मचारी ने इस लेटर को वायरल कर दिया. जिसके बाद सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया. अब पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस मामले में पल्ला झाड़ रहे हैं. वहीं डीएम अपूर्वा दुबे ने बताया कि मुझे इस बारे ट्विटर के माध्यम से जानकारी हुई है. जो लेटर जारी किया है, इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है. यह लेटर संयोजित तरीके से मेरी छवि धूमिल करने के लिए जारी किया गया है.


क्या दिया था आदेश?
रविवार को एक सरकारी लेटर वायरल हुआ था. इसमें लिखा हुआ था कि डीएम की गाय की चिकित्सा करने हेतु पशु चिकित्साधिकारी की प्रतिदिन सुबह-शाम की ड्यूटी लगाईं जाती है. साथ ही डॉ दिनेश कुमार पशु चिकित्साधिकारी सनगांव से समन्वय स्थापित कर प्रतिदिन सुबह-शाम देखने की सुचना फोन के माध्यम से अवगत कराएंगे. इस मामले में शिथिलता अक्षम्य है. सोमवार के दिन डॉ मनीष अवस्थी भिटौरा पशु चिकित्साधिकारी, मंगलवार को डॉ भुवनेश कुमार, बुधवार को डॉ अनिल कुमार, गुरुवार को अजय कुमार, शुक्रवार को डॉ शिवस्वरूप, शनिवार को डॉ प्रदीप कुमार और रविवार को डॉ अतुल कुमार की ड्यूटी लगाई गई है.


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क्या बोलीं डीएम?
डीएम अपूर्वा दुबे ने बताया कि मुझे इस बारे में ट्विटर के माध्यम से जानकारी हुई है. जो लेटर जारी किया गया है, इस बारे में मुझे कोई जानकारी है. यह लेटर संयोजित तरीके से मेरी छवि धूमिल करने के लिए जारी किया गया है. वहीं उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी लेटर खुद जारी करता है और खुद निरस्त कर देता है. इस मामले में 544 डाक नंबर से लेटर जारी किया गया. अगले ही दिन डाक नंबर 545 संख्या से लेटर निरस्त किया गया. इस मामले में सीवीओ और डिप्टी सीवीओ के खिलाफ निलंबन के लिए पत्र लिखा गया है. मैं स्पष्ट रूप में कहना चाहती हूं कि मेरा और मेरे परिवार में किसी ने गाय नहीं पाला.


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