Fatehpur News: यूपी के फ़तेहपुर (Fatehpur) जिले में यमुना नदी में बाढ़ आने के बाद आधा सैकड़ा गांव में संपर्क बंद होने के चलते स्कूली बच्चों सहित ग्रामीण नाव के सहारे जान जोखिम में डालकर आने को मजबूर हो रहे हैं. जिम्मेदार सिर्फ आश्वासन देकर पल्ला झाड़ रहे हैं. ताज़ा मामला जिले के खखरेडू के दरियापुर, कोर्ट गांव सहित आधा सैकड़ा गांव का है जहां यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से ससुर खदेरी नदी के पुल के ऊपर से पानी बहने पर रास्ता विलुप्त हो चुका है.


लोग जान जोखिम में डालकर  निकलने को मजबूर 
स्वास्थ्य, शिक्षा सहित रोजमर्रा की जिंदगी के लिए लोग जान जोखिम में डालकर निकलने को मजबूर हो रहे है. जिला मुख्यालय से लगभग 55 किलोमीटर दूर दरियापुर, गढ़ा गांव जहां हजारो की आबादी है और यहां के लोगो को प्रत्येक वर्ष बारिश के समय जान जोखिम में डाल कर मंजिल तय करना पड़ता है. यहां के अस्पताल में ताला लटकता है और बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर होते है. ग्रामीण इस गांव के पुल बनवाने के लिए जिले के जनप्रतिनिधियों से कई बार कह चुके लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन मिलता है.


अब ग्रामीण कर रहे ये मांग
ग्रामीणों की माने तो प्रत्येक वर्ष बारिश के बाद रास्ता बंद हो जाता है और उन्हें नाव के सहारे जान जोखिम में डालकर निकलना पड़ता है. चुनाव आते ही राजनेता आश्वासन देकर जीत दर्ज करवा लेते है लेकिन हकीकत यह है कि जीत के बाद सब भूल जाते है. खखरेडू से गढ़ा सहित आधा सैकड़ा गांव का मुख्य मार्ग सिर्फ दरियापुर ससुर खदेरी पुल है जो यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से विलुप्त हो जाता है, मात्र नाव ही एक सहारा है जिसे पार कर जाना पड़ता है. गांव वालों की मांग है कि इस पुल को बनवा दिया जाए जिससे उनकी समस्याएं दूर हो जाएं.


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