UP News: देश के विभिन्न राज्यों में हो रही लगातार बारिश के कारण कई जगहों पर तबाही मची हुई है. केन, बेतवा और घाघरा नदियों में उफान के बाद यमुना नदी में रातोरात जल स्तर बढ़ गया. जिसके बाद फतेहपुर (Fatehpur) जिले के यमुना किनारे बसे गांवों में बाढ़ का पानी घुसना शुरू हो गया है. गांव में पानी घुसने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. ताजा मामला जिले के खागा तहसील (Khaga Tehsil) का है. जहां यमुना का जलस्तर बढ़ने से कई गांव में खतरा मंडराने लगा है. वहीं जिले के किशनपुर रामलीला मैदान और खखरेडू के महावतपुर असहट का कोट पुल पूरी तरीके डूब गए हैं. जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. यमुना नदी का जलस्तर खतरे के ऊपर पहुंचने की सूचना पर उप जिला अधिकारी ने कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया और बाढ़ चौकियों को निर्देशित किया है.
सैकड़ों गांवों से टूटा संपर्क
किशनपुर कस्बे के दादों घाट में यमुना नदी के लगातार बढ़ रहे जलस्तर से रामलीला रावण मैदान पानी से डूब गया. जिससे किशनपुर और बांदा जनपद के सैकड़ों गांव का संपर्क टूट गया. किशनपुर बाजार तक आने वाले बांदा जनपद के लगभग प्रतिदिन सैकड़ो व्यापरियों से लांखो रुपये का प्रतिदिन व्यवसाय होता है. जो बंद हो गया है. जिससे किशनपुर के दुकानदारों का भारी नुकसान भी हो रहा है. वहीं रामलीला रावण मैदान तक यमुना का पानी पहुंच जाने से कस्बे में खतरा मंडराने लगा है. किशनपुर कस्बे के मध्य बने तुर्की नाला में पानी पहुंच जाने से लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है.
पानी में डूबा रपटा पुल
यमुना नदी के रातों-रात बढ़े जलस्तर के कारण ससुर खदेरी नदी में भी बाढ़ का मंजर देखने को मिला. जिसमें खखरेरू थाना क्षेत्र के महावतपुर आहट खखरेरू-कोर्ट पुल जो रपटा पुल के नाम से जाना जाता है. वह बाढ़ का पानी पहुंचने से पूरी तरीके डूब गया. जिससे इधर से निकलने वाले दरियापुर के अलावा कुल्ली, बलवंतपुर, बरार, गाजीपुर, हरकल, दौलतपुर, रोशनपुर, चंदनमऊ, चंदापुर, गढा, नयनतारा, मकसूदनपुर, समेत 25 गांव के लोगों का आवागमन प्रभावित हुआ है.
खागा उपजिलाधिकारी मनीष कुमार ने किया निरीक्षण
खागा तहसील के किशनपुर में यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए यमुना से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों का खागा उपजिलाधिकारी मनीष कुमार ने निरीक्षण किया. उन्होंने बताया की खागा तहसील में यमुना क्षेत्र के किनारे की सात बाढ़ चौकियां सक्रिय हैं. क्षेत्रों पर लगातार निगरानी की जा रही है ताकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत सामग्री आवश्यकतानुसार पहुंचाया जा सके. संपर्क मार्गो पर जहां पानी आ गया है. वहां नावों को लगवा दी गई है. बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है. गांव के प्रधानों को स्कूलों में व्यवस्था करने के निर्देश दे दिए गए हैं.