Fatehpur News: ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर साध्वी निरंजन ज्योति ने साधा निशाना कहा- 'सच्चाई छिप नहीं सकती बनावट के उसूलों से'
फतेहपुर पहुंची साध्वी निरंजन ज्योती ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर कहा कि इतिहास बताता है जहां-जहां हमारे मंदिर थे वहां आक्रांताओं ने मस्जिद बनाई, वह चिन्ह मिटाना भूल गए.
फतेहपुर: यूपी के फतेहपुर जिले (Fatehpur) में एक दिवसीय दौरे के तहत केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति अपने संसदीय क्षेत्र में पहुंची थी. इस दौरान साध्वी निरंजन ज्योती ने वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में कहावत के जरिए निशाना साधा. उन्होंने कहा कि, "सच्चाई छिप नहीं सकती बनावट के उसूलों से खुशबु कभी आ नहीं सकती कागज़ के फूलों से."
केंद्रीय मंत्री ने कहा जहां मंदिर थे वहां मस्जिद बनाई गई
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, "इतिहास बताता है जहां-जहां हमारे मंदिर थे वहां आक्रांताओं ने मस्जिद बनाई, वह चिन्ह मिटाना भूल गए.उनको लग रहा था की हम ही यहां काबिज रहेंगे. जैसे रामजन्म मंदिर के परिसर पर देवी देवताओं के चिन्ह मस्जिद में कोई देवी-देवता नहीं मानते, न कमल का फूल मानते हैं और न ही त्रिशूल मानते हैं, न डमरू मानते हैं. कोई उनके यहाँ मान्यता नहीं है. इससे साफ़ जाहिर होता है की मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाया गया था. जिसकी गवाह है नंदी भगवान. अगर आपने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाया तो जांच में बौखलाहट क्यों? मामले को लेकर कोर्ट में सुनवाई हो रही है, कोर्ट फैसला करेगी , कोर्ट तो सबूत के आधार पर चलता है.
वहीं केंद्रीय मंत्री ने मथुरा मामले में कहा की मथुरा, काशी , सोमनाथ औरअयोध्या यह चार जगह हैं जहां हमारे आराध्य केंद्र बिंदु थे. इन्हीं जगहों को तोड़कर मस्जिदें बनाई गई. सौभाग्य था की राष्ट्रपति जी ने सोमनाथ का उद्धार कर दिया. होना तभी चाहिए था. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेरा निवेदन है कि हमारे जहां-जहां स्थान थे वे स्वेच्छा से वापस कर देनें चाहिए.
साध्वी निरंजन ज्योति ने अखिलेश यादव पर साधा निशाना
उन्होंने अखिलेश द्वारा ज्ञानवापी पर दिए गए बयान पर कहा की यह उनके लिए वोट बैंक है. अभी अयोध्या के लिए गोलियां तक चला दी थी फिर अखिलेश बोले की हम भी मंदिर बनवा सकते हैं. जहाँ रास्ता साफ़ हो जाता है वहां सपा मंदिर बनवाती है. अब ज्ञानवापी के लिए खड़े हुए हैं तो उनका दोहरा चरित्र सामने आ गया है. मुस्लिम के साथ हम खड़े हैं आवास हम दे रहे हैं,शौचालय, राशन हम दे रहे हैं. गैस चूल्हा हम दे रहे हैं तो मुसलमानो का विरोध कहां हो रहा है. लेकिन जहां आस्था के केंद्र बिंदू हैं वह तो हमारे चाहिए न.