Firozabad Child Death: फिरोजाबाद में एक बच्चे की जान चली गई. पिता का आरोप है कि, उसे वेतन नहीं मिला था, जिसके कारण वह अपने बच्चे का इलाज नहीं करा पाया और उसकी बेटी काल के मुंह में समा गई. वहीं, पिता बेटी के शव को लेकर विकास भवन के सामने बैठ गया, तब जाकर अधिकारियों की नींद खुली और जीवन निर्वाह भत्ता दिलवाने की बात कही.
9 महीने से सस्पेंड चल रहा था सुजीत
पूरा मामला पंचायत राज विभाग में तैनात सफाई कर्मी सुजीत का है, जो बीते 9 माह से निलंबित चल रहा था. उसका आरोप है कि उसको जीवन निर्वाह भत्ता भी नहीं मिल रहा था, उसकी बच्ची दिशा 10-12 दिन से बीमार थी. उसने अधिकारियों से और बाबू से गुहार लगाई, पर किसी ने उसकी एक न सुनी. आज उसकी बच्ची ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. इसलिए वह अधिकारियों को दिखाने के लिए विकास भवन के बाहर बैठे, ताकि पता चल सके अगर सरकारी आदेश का पालन हुआ होता तो उसकी बच्ची भी आज जिंदा होती. वहीं, जिला विकास अधिकारी महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि, उनके संज्ञान में मामला आया है, निश्चित तौर पर उन्हें जीवन निर्वाह वेतन दिया जाएगा.
साइकिल तक बेच दी
मृतक बच्ची की मां सरिता ने बताया कि, उसे बुखार आया था. 8 दिन से, फिर मुंह में छाले पड़ गए. रुपये नहीं थे तो इलाज नहीं करा पाये. सरकारी अस्पताल ले गए, वहां से भगा दिया. एक साइकिल थी हमारे पति के पास, वह भी बेच दी. डॉक्टर के यहां दिखाने गए उसने 500 रुपए की जांच लिख दी. हम जांच करा नहीं पाए. खाने तक के लिए पैसे नहीं हैं, बच्चे को दूध पिलाने तक के पैसे नहीं थे बच्ची खत्म हो गई.
बीते 9 महीने से नहीं मिला एक पैसा
बच्ची के पिता ने बताया कि, मुझे 9 महीने पहले सस्पेंड कर दिया था. उसके बाद एक भी रुपए मुझे नहीं मिला. काफी दिन से पैसे नहीं मिल रहे थे. बच्ची बीमार थी, इसके लिए बच्ची का इलाज नहीं करा पाए. हमें रुपए मिल जाते समय पर तो हम बच्ची की जान बचा लेते.
जीवन निर्वाह भत्ता दिलाया जाएगा
जिला पंचायत राज अधिकारी महेंद्र प्रताप सिंह कहा कि, अभी संज्ञान में आया कि, यह पंचायत राज विभाग में सफाई कर्मचारी थे, जो कि 9 महीने से सस्पेंड चल रहे हैं. उन्होंने बताया कि निलंबन के बाद जो जीवन निर्वाह भत्ता होता है, वह इन्हें मिला नहीं है. मामला अभी मेरे संज्ञान में आया है, इन्हें जीवन निर्वाह भत्ता दिलाने का प्रयास किया जाएगा.
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