बरेली. उत्तर प्रदेश के बरेली में प्रॉपर्टी विवाद के चलते रिटायर्ड पुलिसकर्मी ने अपने दो बेटों के साथ मिलकर बड़े बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी और शव को कब्रिस्तान में दफना दिया. वहीं, 6 महीने बाद हत्या की वारदात का खुलासा होने के बाद पुलिस ने पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर लिया है.
प्रॉपर्टी विवाद में हुआ मर्डर
अफ्तर खां की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसके पिता और भाई ने गोली मारकर की. अफ्तर की पत्नी हिना खान ने बताया की पैसों और प्रॉपर्टी को लेकर उसके ससुर और देवर उसके पति से आये दिन झगड़ते रहते थे. हिना ने बताया की 11 अप्रैल 2020 को भी मेरे पति के साथ ससुर और देवर का दुकान और पैसों को लेकर झगड़ा हुआ और इसी दौरान मेरे ससुर ने मेरे पति की गोली मारकर हत्या कर दी और शव को कब्रिस्तान में दफना दिया. इतना ही नहीं मुझे एक कमरे में बन्द कर दिया गया.
पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
वहीं, हिना ने बताया कि 40 दिन बाद जब उसके मायके वाले उसे घर लेकर गए तो उसने किला थाने जाकर पूरी घटना बताई, लेकिन पुलिस ने उसकी नहीं सुनी. जिसके बाद अब जब नए एसएसपी रोहित सिंह सजवाण आये तो उनसे हिना ने शिकायत की, जिसके बाद मजिस्ट्रेट के आदेश पर छह महीने बाद शव को कब्र से निकलवाकर उसका पोस्टमार्टम कराया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली मारकर हत्या की पुष्टि हुई तो पुलिस ने हिना के ससुर अंसार खां और देवर आमिर को गिरफ्तार कर लिया जबकि अभी एक आरोपी फरार है.
ससुराल वाले करते थे परेशान
हिना के चाचा का कहना है की उसकी शादी 2016 में हुई थी और शादी के बाद से ही उसको ससुराल वाले उसे परेशान करते थे. इतना ही नहीं साढ़े 3 साल तक ससुराल वालों ने उसे मायके नहीं आने दिया. इस बीच हिना के घर में उसके भाई की शादी भी हुई और उसकी मां और दादी की मौत भी हुई, लेकिन ससुराल वालों ने उसे मायके नहीं जाने दिया. हिना की एक साढ़े तीन साल की बेटी भी है लेकिन उसकी बेटी ससुराल वालों के पास ही है.
एसएसपी ने की इंस्पेक्टर पर कार्रवाई
वहीं, इस मामले में एसएसपी रोहित सिंह सजवाण का कहना है कि इस मामले में हिना की तहरीर पर उसके ससुर और देवर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करके ससुर और देवर को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं, इस मामले में हत्या जैसे जघन्य अपराध की एफआईआर दर्ज नहीं करने वाले इंस्पेक्टर किला मनोज कुमार को एसएसपी ने निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं.
गौरतलब है कि इस मामले में इंस्पेक्टर किला ने वर्दी की दोस्ती खूब निभाई और रिटायर्ड पुलीसकर्मी जो की हत्यारा था उसके खिलाफ मुकदमा तक दर्ज नहीं किया. लेकिन देर से ही सही आखिरकार सच सामने आ गया और आरोपी जेल चले गए.
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